
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)
अमेरिका ने मेक्सिको से लगने वाली दक्षिणी सीमा पर अवैध इमीग्रेशन को रोकने के लिए 1500 जवानों को तैनात किया है. इनमें 500 मरीन कॉर्प्स और 1000 सैनिक शामिल हैं. व्हाइट हाउस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें अमेरिकी टैंक्स, हेलिकॉप्टर्स और सेना के जवानों को सीमा पर तैनात होते हुए दिखाया गया है.
पोस्ट में लिखा गया है, “अमेरिकी मरीन कॉर्प्स सीमा की सुरक्षा के लिए कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन (सीबीपी) के मिशन में मदद कर रही है. वादा किया, वादा निभाया.”
The US Marine Corps Is On The Border Assisting CBP With The Mission To Secure America
Promise Made –> Promise KEPT! pic.twitter.com/t384DH1FDl
— The White House (@WhiteHouse) January 24, 2025
राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद तैनाती
अमेरिकी रक्षा मंत्रालय ने 22 जनवरी को एक बयान में बताया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एग्जीक्यूटिव ऑर्डर पर साइन करने के 36 घंटे के भीतर यह फैसला लिया गया. राष्ट्रपति ट्रंप ने शपथ ग्रहण के बाद अपने पहले संबोधन में मेक्सिको सीमा पर आपातकाल की घोषणा की थी और सेना की तत्काल तैनाती का आदेश दिया था.
सीमा पर जवानों की संख्या में 60% की बढ़ोतरी
रक्षा मंत्रालय ने जानकारी दी कि इस तैनाती में 1,000 सैनिक और 500 मरीन शामिल हैं, जो पहले दक्षिणी कैलिफोर्निया के जंगलों में लगी आग से निपटने के लिए स्टैंडबाय पर थे. मेक्सिको सीमा पर पहले से ही 2500 अमेरिकी सैनिक तैनात थे. अब 1500 जवानों के और शामिल होने के बाद यह संख्या 60% बढ़ गई है.
5000 से ज्यादा लोगों को डिपोर्ट करने की योजना
अमेरिकी रक्षा विभाग ने बताया कि सीमा पर एक्टिव ग्राउंड फोर्स के साथ-साथ सैन डिएगो और टेक्सास के सीमाई इलाकों में कस्टम एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन द्वारा हिरासत में लिए गए 5000 से अधिक लोगों को डिपोर्ट करने के लिए एयरलिफ्ट की सुविधा भी प्रदान की जाएगी. रिपोर्ट्स के अनुसार, अब तक 538 अवैध अप्रवासी अपराधियों को डिपोर्ट किया जा चुका है.
सी-130 हरक्यूलिस और सी-17 ग्लोबमास्टर तैनात
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि मेक्सिको सीमा पर सुरक्षा मजबूत करने के लिए दो सी-130 हरक्यूलिस और दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों के साथ यूएच-72 लकोटा सैन्य हेलिकॉप्टर भी तैनात किए गए हैं. इसके अलावा, इंटेलिजेंस सेवाओं को बढ़ाया गया है ताकि अवैध प्रवासियों की पहचान कर उन्हें डिपोर्ट किया जा सके.
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-भारत एक्सप्रेस
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