
UNSC की प्रतीकात्मक तस्वीर
पहलगाम आतंकी हमले के बाद बढ़े तनाव और हमले के डर से पाकिस्तान के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने एक बैठक बुलाई. ये बैठक बंद दरवाजे के पीछे हुई. हालांकि इस बैठक में भारत की धमक साफ दिखाई दी. क्लोज डोर मीटिंग में ना कोई प्रस्ताव पास हुआ और ना ही कोई बयान यूएनएससी ने जारी किया.
UNSC ने नहीं जारी किया कोई बयान
सोमवार को बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सेकेरिस ने कहा कि सुरक्षा परिषद ऐसी स्थिति में तनाव कम करने में हमेशा मददगार होती है और यह परिषद (UNSC) की जिम्मेदारी है. चूंकि यह एक गुप्त बैठक थी, इसलिए इसके विवरण गोपनीय हैं और कोई आधिकारिक रिकॉर्ड नहीं है.
बैठक की जानकारी देने वाले सहायक महासचिव मोहम्मद खालिद खैरी ने बाहर निकलते हुए कहा कि सभी तनाव कम करना चाहते हैं. स्थिति के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “स्थिति अस्थिर है,” और उन्होंने इस बारे में विस्तार से नहीं बताया. बैठक में शामिल रूस की उप स्थायी प्रतिनिधि अन्ना इवेस्टिग्नेवा ने कहा, “हमें तनाव कम होने की उम्मीद है.”
पाकिस्तान के अनुरोध पर बुलाई UNSC ने बैठक
बता दें कि सेकेरिस ने पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद के अनुरोध पर बैठक बुलाई. अहमद ने गुप्त बैठक की मांग की थी, क्योंकि परिषद (UNSC) के नियमों के अनुसार गैर-सदस्य देश इसमें भाग नहीं ले सकते. इस गुप्त बैठक में भारत को शामिल होने से रोक दिया गया, क्योंकि यह केवल सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों के लिए थी और पाकिस्तान, जो वर्तमान में निर्वाचित सदस्य है, उसी ने इसमें हिस्सा लिया था.
UNSC महासचिव ने कहा- स्थिति गंभीर है
बैठक से पहले, महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि स्थिति गंभीर है और दोनों देशों से खतरनाक स्थिति से पीछे हटने की अपील की. उन्होंने कहा, “इस महत्वपूर्ण समय में सैन्य टकराव से बचना जरूरी है, जो आसानी से नियंत्रण से बाहर जा सकता है.” पिछले महीने पहलगाम में 26 लोगों की हत्या की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए उन्होंने कहा, “मैं इस भयानक आतंकी हमले के बाद लोगों की गहरी भावनाओं को समझता हूं.”
बैठक के बाद पत्रकारों से बात करते हुए पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि असीम इफ्तिखार अहमद ने भारत के इस आरोप को सिरे से खारिज किया कि पाकिस्तान का हमले में कोई हाथ था. उन्होंने कहा कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है, जहां व्यापक असंतोष है, जो भारत के साथ समस्या की जड़ है, न कि आतंकवाद. साथ ही, उन्होंने भारत के साथ सहयोग की पेशकश भी की.
यह भी पढ़ें- UN महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने भारत-पाकिस्तान से की शांति बनाए रखने की अपील, बोले- युद्ध न हो तो बेहतर हो
उन्होंने कहा, “हम अपनी संप्रभुता की रक्षा के लिए पूरी तरह तैयार हैं.” उन्होंने कहा, “हम भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण सहयोगात्मक संबंधों के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं और हम बातचीत के लिए तैयार हैं.” अहमद ने कहा, “स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, बातचीत और तनाव कम करने तथा विवादों के शांतिपूर्ण समाधान की अपील, जैसा कि हमने आज परिषद (UNSC) के सदस्यों से भी सुना, सबसे प्रासंगिक है.”
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.