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कोयला-पेट्रोल पर निर्भरता खत्म!… बेहिसाब ऊर्जा…अब धरती पर भी होगा ‘सूरज’! जानिए क्या है Nuclear Fusion Reaction

Nuclear Fusion Reaction Experiment:आज विज्ञान काफी आगे बढ़ गया है. हाल ही में इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है. वहीं, अब अमेरिका विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा मिसाल कायम करने जा रहा है.

Nuclear Fusion Reaction Experiment: न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन की प्रतीकात्मक तस्वीर

Nuclear Fusion Reaction Experiment: न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन की प्रतीकात्मक तस्वीर

Nuclear Fusion Reaction Experiment:आज विज्ञान काफी आगे बढ़ गया है. दुनिया में नई-नई खोज हो रही हैं. हाल ही में इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया है. वहीं, अब अमेरिका विज्ञान के क्षेत्र में एक बड़ा मिसाल कायम करने जा रहा है. अमेरिका के वैज्ञानिक एक ऐसे ऊर्जा स्त्रोत को तैयार कर रहे हैं जो धरती के लिए ‘सूरज’ होगा. यह पृथ्वी को बिना कोई नुकसान पहुंचाए बेहिसाब ऊर्जा देगा. आपको बता दें कि अमेरिका के वैज्ञानिकों ने न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन में नेट एनर्जी गेन यानी कि NEG प्राप्त किया है. आम भाषा में कहें तो न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन के दौरान जितनी ऊर्जा का इस्तेमाल होगा, उससे अधिक ऊर्जा की प्राप्ति या यूं कहें कि ऊर्जा को तैयार कर लिया जाएगा. न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन से सुरक्षित, असीमीति और एकदम स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोत को खोजने की तैयारी चल रही है.

Nuclear Fusion Reaction Experiment: क्या है न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन?

न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन या परमाणु संलयन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा दो हल्के परमाणु नाभिक(Atomic Nucleus)मिलकर भारी मात्रा में ऊर्जा छोड़ते हुए एक भारी परमाणु बनाते हैं. संलयन प्रतिक्रियाएं पदार्थ की अवस्था में होती हैं जिसे प्लाज्मा कहा जाता है – एक गर्म, आवेशित गैस जो सकारात्मक आयनों और मुक्त गति वाले इलेक्ट्रॉनों से बनी होती है जिसमें ठोस, तरल या गैसों से अलग अद्वितीय गुण होते हैं. न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन सूरज और अन्य तारों में ऊर्जा पैदा करने का एक खास स्त्रोत है. यही कारण है कि लोग इसे धरती पर सूर्य को तैयार करने की प्रक्रिया भी कहते हैं.

अमेरिका ने दिसंबर में पहली बार किया था प्रयोग

प्राप्त जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन को पिछले साल दिसंबर में पहली बार किया था. उसके बाद कैलिफोर्निया के लॉरेंस लिवरमोर राष्ट्रीय लेबोरेटरी के वैज्ञानिकों ने 30 जुलाई को नेशनल इग्निशन फैसिलिटी में न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन को दूसरे बार किया है. लेबोरेटरी से मिली जानकारी के अनुसार, बताया गया कि दिसंबर की तुलना में इस बार अधिक ऊर्जा को तैयार किया गया है.

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न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन के फायदें

न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन में सफल होने के बाद दुनिया को एक ऐसा ऊर्जा स्त्रोत मिलेगा जो विश्व की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में मदद करेगा. लोगों की कोयले-पेट्रोल जैसे ईंधनों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी. इसके साथ ही जलवायु परिवर्तन से भी लड़ने में सहयोग मिलेगा. इसके अलावा, न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन से कोई प्रदूषण नहीं होगा क्योंकि यह एक स्वच्छ ऊर्जा स्त्रोत है. न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन को पर्यावरण के अनुकूल माना जा रहा है क्योंकि यह ग्रीनहाउस गैसों का उत्सर्जन नहीं करता है. न्यूक्लियर फ्यूजन रिएक्शन कभी न खत्म होने वाला ऊर्जा स्त्रोत है क्योंकि हाइड्रोजन का भंडार बहुत ही बड़ा है. इसके साथ ही इससे कोई रेडिएशन भी नहीं निकलता है.

-भारत एक्सप्रेस



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