
Who is Tulsi Gabbard: अमेरिका की नई राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (Director of National Intelligence) तुलसी गबार्ड ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. यह बैठक वॉशिंगटन डीसी में हुई, जहां पीएम मोदी अमेरिकी दौरे पर पहुंचे थे.
प्रधानमंत्री मोदी ने तुलसी गबार्ड को इस नई जिम्मेदारी के लिए बधाई दी. उन्होंने भारत-अमेरिका संबंधों पर चर्चा की. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया पर तस्वीर साझा करते हुए लिखा, “अमेरिका की राष्ट्रीय खुफिया निदेशक @TulsiGabbard से वॉशिंगटन डीसी में मुलाकात की. उन्हें इस नई भूमिका के लिए बधाई दी. भारत-अमेरिका की मित्रता के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की, जिसके लिए वह हमेशा समर्थन करती रही हैं.”
Met USA’s Director of National Intelligence, @TulsiGabbard in Washington DC. Congratulated her on her confirmation. Discussed various aspects of the India-USA friendship, of which she’s always been a strong votary. pic.twitter.com/w2bhsh8CKF
— Narendra Modi (@narendramodi) February 13, 2025
तुलसी गबार्ड को हाल ही में अमेरिकी सीनेट से राष्ट्रीय खुफिया निदेशक बनने की मंजूरी मिली है. अब वे अमेरिका की 17 खुफिया एजेंसियों की देखरेख और समन्वय का कार्यभार संभालेंगी. नवंबर में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति चुने जाने के बाद उन्होंने गबार्ड को इस पद के लिए नामित किया था. गबार्ड पहले डेमोक्रेटिक कांग्रेस सदस्य थीं, लेकिन 2022 में उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी.
अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली हिंदू सदस्य
तुलसी गबार्ड अमेरिकी प्रतिनिधि सभा (US House of Representatives) की पहली हिंदू सदस्य बनी थीं. उन्होंने अपने पद की शपथ भगवद गीता पर हाथ रखकर ली थी. यह कदम चर्चा में रहा था. बाद में, 2019 में न्यूयॉर्क में जब वह पीएम मोदी से मिलीं, तो उन्होंने वही गीता उन्हें भेंट की. यह उनके सम्मान और आदर का प्रतीक था.
गबार्ड ने कई मौकों पर हिंदुओं के मुद्दों को उठाया है. खासतौर पर बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर उन्होंने चिंता जताई थी. इस कारण वह अमेरिकी हिंदुओं के बीच काफी लोकप्रिय हुईं.
पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नवंबर 2024 में कहा था, “तुलसी अपनी निडर सोच से खुफिया समुदाय को मजबूत करेंगी. वे हमारे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा करेंगी और शांति बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगी.” उन्होंने यह भी कहा कि गबार्ड पिछले दो दशकों से अमेरिका और यहां के नागरिकों की स्वतंत्रता के लिए लड़ती रही हैं.
गबार्ड ने रूस-यूक्रेन युद्ध में बाइडेन प्रशासन की यूक्रेन को दी जा रही सहायता का विरोध किया था. इसके अलावा, अमेरिका में हुए कुछ फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शनों पर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. उन्होंने ऐसे प्रदर्शनकारियों को कट्टरपंथी संगठनों का समर्थक बताया था.
हिंदू पहचान पर करती हैं गर्व
तुलसी गबार्ड का नाम सुनकर कई लोग उन्हें भारतीय मूल का समझ लेते हैं. हालांकि, उनका भारत से सीधा संबंध नहीं है. उनकी मां हिंदू धर्म अपना चुकी थीं और उन्होंने अपने सभी बच्चों को हिंदू नाम दिए. उनके भाई-बहनों के नाम भक्ति, जय, आर्यन और वृंदावन हैं.
गबार्ड खुले तौर पर अपनी हिंदू पहचान को अपनाती हैं. अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं. खासतौर पर हिंदू अमेरिकी समुदाय ने उनके राजनीतिक सफर में हमेशा समर्थन दिया है.
2015 में गबार्ड ने सिनेमैटोग्राफर अब्राहम विलियम्स से शादी की. यह विवाह हवाई में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुआ. वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए इस समारोह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राम माधव भी शामिल हुए थे. वह पीएम मोदी का विशेष संदेश और उपहार लेकर पहुंचे थे.
आतंक के मुद्दे पर भारत का किया था समर्थन
गबार्ड कई मौकों पर भारत के समर्थन में बोल चुकी हैं. उन्होंने पाकिस्तान को आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बताया था. 2019 के पुलवामा हमले के बाद उन्होंने कहा था, “हम भारत के लोगों के साथ खड़े हैं और इस आतंकवादी हमले की निंदा करते हैं. पीड़ितों के परिवारों के लिए हमारी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं हैं. हमें जिहादियों और उनकी विचारधारा के खिलाफ एकजुट होना चाहिए.”
-भारत एक्सप्रेस
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