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Hindu American summit: यूएस संसद में पहली बार होगा हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन का आयोजन, जानें क्यों खास है यह समिट

Hindu American summit: फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क, बोस्टन, टेक्सास, शिकागो और कैलिफोर्निया सहित अन्य प्रांतों से लगभग 130 भारतीय-अमेरिकी नेता, जो 20 हिंदू और भारतीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस शिखर सम्मेलन के लिए वाशिंगटन पहुंच रहे हैं.

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यूएस कैपिटल

Hindu American summit: ‘यूएस कैपिटल’ में राजनीतिक भागीदारी के लिए पहले हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन के आयोजन के वास्ते देशभर के प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी वाशिंगटन में इकट्ठा हुए हैं. आयोजकों के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष केविन मैक्कार्थी सहित कई अन्य सांसद इस शिखर सम्मेलन को संबोधित करेंगे.

हाल ही में गठित राजनीतिक कार्रवाई समिति ‘अमेरिकन्स 4 हिंदू’ 20 से अधिक भारतीय-अमेरिकी संगठनों के साथ मिलकर अमेरिकी कैपिटल में 14 जून को हिंदू-अमेरिकी शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगी. इस सम्मेलन में अमेरिका में रह रहे हिंदू समुदाय की चिंताओं को सांसदों के समक्ष उठाया जाएगा. फ्लोरिडा, न्यूयॉर्क, बोस्टन, टेक्सास, शिकागो और कैलिफोर्निया सहित अन्य प्रांतों से लगभग 130 भारतीय-अमेरिकी नेता, जो 20 हिंदू और भारतीय संगठनों का प्रतिनिधित्व करते हैं, इस शिखर सम्मेलन के लिए वाशिंगटन पहुंच रहे हैं.

सम्मेलन में हिस्सा लेने की तैयारियों में जुटे मशहूर हृदयरोग विशेषज्ञ डॉ. रोमेश जपरा ने शनिवार को कहा कि हिंदू-अमेरिकी देशभर में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन वे राजनीतिक लिहाज से काफी पीछे हैं. उन्होंने कहा, “हमें लगता है कि राजनीतिक रूप से हमारे साथ कभी भेदभाव नहीं किया गया, हम अच्छा कर रहे हैं, लेकिन दुर्भाग्य से स्थितियां बदल रही हैं.”

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एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, “वे कई हिंदू-विरोधी गतिविधियों में लगे हैं, इसलिए हमने सोचा कि हमें एक साथ आना चाहिए. हमें सभी हिंदू-अमेरिकियों, सभी नेताओं और सभी संगठनों के कार्यकारी प्रमुखों को एकजुट करना चाहिए तथा यहां कैपिटल हिल में सांसदों के समक्ष अपने मुद्दों को उठाना चाहिए.”

डॉ. जपरा ने बताया कि भारतीय-अमेरिकी समुदाय प्रतिनिधि सभा में पहला ‘हिंदू कॉकस’ बनाने की दिशा में काम कर रहा है, जो हिंदू-अमेरिकियों के हितों की रक्षा करने वाले सांसदों का समूह होगा. उन्होंने कहा कि ‘हिंदू कॉकस’ अमेरिकी संसद के उन नेताओं के लिए समर्थन और धन जुटाएगा, जो हिंदू सिद्धांतों और मूल्यों से सहमत हैं और समुदाय की मदद करने तथा ‘हिंदू फोबिया’, हिंदुओं के खिलाफ नफरत और आव्रजन से जुड़ी चिंताओं के बारे में बात करने को तैयार हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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