Rohit Sharma/Team India
Team India’s ICC event failures: हार पर हार, 10 सालों का इंतजार और फैंस का टूटता सब्र. एक बार फिर वही हुआ जिसका डर था. रविवार, 11 जुन को टीम इंडिया ने करोड़ों भारतीय क्रिकेट फैंस का दिल तोड़ दिया. बार-बार टीम इंडिया वही गलती दोहरा रही है, और हर बार भारतीय क्रिकेट फैंस अपनी टीम की पुरानी गलतियां भुलाकर उन्हें फिर सपोर्ट करती है लेकिन कब तक ऐसा चलता रहेगा..?, खेल में हार-जीत बड़ी बात नहीं है. पर आपका जज्बा मायने रखता है, जो अब टीम इंडिया के खिलाड़ियों में नहीं दिखता. ICC टूर्नामेंट्स में टीम इंडिया की नाकामी अब आम बात बन गई है.
कहने को तो भारतीय क्रिकेट बोर्ड के पास सब कुछ है. चाहे बात पैसों की हो या वर्ल्ड बेस्ट खिलाड़ियों की. टीम इंडिया के पास वो सब कुछ है जो एक बेस्ट टीम की जरूरत होती है. मगर फिर भी कुछ ऐसी कमी है जो दुनिया की बेस्ट टीम को बार-बार कमजोर बना रही है. टीम इंडिया 10 सालों में 4 फाइनल हारी है जो एक शर्मनाक आंकड़ा है. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है. क्योंकि दिग्गज खिलाड़ियों में शुमार टीम इंडिया दुनिया में बेस्ट टीमों में गिनी जाती है.
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टीम इंडिया 10 सालों में 4 फाइनल हारी
लंदन के द ओवल मैदान पर खेले गए डब्ल्यूटीसी फाइनल मैच में ऑस्ट्रेलियाई टीम ने टीम इंडिया को 209 रनों से हराया. इस हार के साथ ही टीम इंडिया ने पिछले 10 साल में चौथा फाइनल मुकाबला गंवाया. इससे पहले आईसीसी के 10 टूर्नामेंट हुए हैं, जिसमें भारतीय टीम ने एक बार ही जीत दर्ज की है. कभी साउथ अफ्रीका को चोकर्स कहा जाता था जो कि बड़े मौकों पर अच्छा प्रदर्शन करने में नाकाम रहती थी लेकिन अब टीम इंडिया के प्रदर्शन को देखकर ऐसा लगने लगा है कि अब ये अनचाहा टैग उसपर लग चुका है.
आपको बता दें, एमएस धोनी की अगुवाई में टीम इंडिया ने 2007 टी20 विश्व कप, 2011 वनडे वर्ल्ड कप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी में में टीम इंडिया को ट्रॉफी दिलाई. इस जीत के बाद से अब टीम इंडिया के हाथ आइसीसी ट्रॉफी नहीं लगी है. कपिल देव और सौरव गांगुली एकमात्र अन्य भारतीय कप्तान हैं जिन्होंने भारत को ICC ट्रॉफी तक पहुंचाया. कपिल ने 1983 में भारत को पहली बार वनडे वर्ल्ड कप ट्रॉफी दिलाने में मदद की, जबकि गांगुली ने 2002 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती, जिसे श्रीलंका के साथ शेयर किया गया था.
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