मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू
Himachal Nature Disaster: हिमाचल प्रदेश में कुदरत का कहर इस कदर बरसा है कि लोग डर के साय चले गए हैं. किसी को नहीं पता कि कब कहां विपत्तियां टूट पड़ेंगी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रदेश पिछले करीब 50 सालों में सबसे ज्यादा प्राकृतिक आपदा का सबसे भयानक मंजर झेल रहा है. लगातार बारिश और भूस्खलन की घटनानों ने लोगों में भय पैदा कर दिया है. पिछले 3 से 4 दिनों में 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं इस पूरे मानसून सीजन की बात करें तो 200 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. वहीं 10 हजार से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है और लगभग 7,500 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है.
वहीं इन प्राकृतिक आपदाओं से ग्रसित क्षेत्रों का मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू (CM Sukhwinder Singh Sukhu) समय-समय पर दौरा भी कर रहे हैं, लेकिन इसी बीच उनका एक विवादित बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. जिसमें उन्होंने ताश के पत्तों की तरह ढहते मकानों का दोष बिहारी मजदूर और राजमिस्त्रियों पर डाल दिया. हालांकि जब उनके इस बयान पर विवाद बढ़ा तो उन्होंने तुरंत इस पर सफाई भी दे दी.
बिहारी मजदूरों पर डाला दोष
दरअसल, सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने प्रदेश में आई आपदा के लिए बिहारी आर्किटेक्ट्स को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि जब विवाद तेजी से बढ़ने लगा तो उन्होंने इस पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने ऐसा कुछ नहीं कहा. बता दें उन्होंने अपने इंटरव्यू में कहा कि, “दूसरे राज्यों से लोग निर्माण कार्य के लिए आते हैं. बिना वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल किये एक के ऊपर एक फ्लोर बना दिये जा रहे हैं. उन्होंने कहा प्रवासी आर्किटेक्ट आते हैं, जिन्हें मैं बिहारी आर्किटेक्ट कहता हूं. वे आये और एक के बाद एक मंजिल बनाते गये. इन्हीं कारणों से हिमाचल में आपदा कहर बरपा रही है. हमारे यहां स्थानीय मिस्त्री नहीं है.
विवाद के बाद दी सफाई
जब इस मामले पर विवाद बढ़ा तो सीएम सुक्खू ने कहा कि, “मुझे नहीं पता कि मैंने ये बात कब कही. वे हमारे भाई हैं. बिहार के लोग भी यहां फंसे हुए हैं. उन्हें कल हेलीकॉप्टर से बचाया गया. राज्य में फंसे करीब 200 लोग बिहार के हैं. सीएम ने कहा कि वे मजदूर हैं. वे कड़ी मेहनत करें. उनकी कोई गलती नहीं है. यहां गलती हमारे स्ट्रक्चरल इंजीनियर की है. वे गलत नक्शा बनाते हैं.
– भारत एक्सप्रेस
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