जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUIF) ने पेशावर, खैबर पख्तूनख्वा में फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक विशाल रैली का आयोजन किया
Pakistan Support for Palestine: पश्चिमी एशिया में इजरायल और हमास के लड़ाकों के बीच छिड़ी जंग से दुनियाभर में कोहराम मचा हुआ है. अमेरिका-ब्रिटेन, फ्रांस जैसे देश जहां आतंक के विरुद्ध इजरायल के समर्थन में हैं, वहीं मुस्लिम देश फिलिस्तीन के नाम पर इजरायल के खिलाफ खड़े हो रहे हैं. पाकिस्तान के कट्टरपंथी मौलाना तो इजरायल के खिलाफ जिहाद शुरू करने का ऐलान कर रहे हैं. पाकिस्तान की सबसे बड़ी धार्मिक-राजनीतिक पार्टी और सुन्नी कट्टरपंथी दल जमियत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के चीफ मौलाना फजलुर रहमान ने बड़ा दावा किया है.
पाकिस्तानी मौलाना फजलुर रहमान (Maulana-fazlur-rehman) ने फिलिस्तीन आतंकवादी समूह हमास का समर्थन किया. रहमान ने बताया कि हमास का नेता खालिद मशाल उनकी पार्टी जेयूआई-एफ की रैली में लाइव जुड़ा था. मौलाना फजलुर रहमान ने कहा,’अगर इस्लामिक देश हमें रास्ता देते हैं तो हम अग्रिम मोर्चे पर लड़ाई में शामिल होने के लिए तैयार हैं.’ उन्होंने आगे कहा कि अभी हमास ने वित्तीय मदद मांगी है, जो मुहैया कराई जाएगी. बता दें कि जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (JUIF) ने पेशावर, खैबर पख्तूनख्वा में फिलिस्तीन के साथ एकजुटता दिखाने के लिए एक विशाल रैली का आयोजन किया. यह मूल रूप से जेयूआई-एफ के दिवंगत संस्थापक मुफ्ती महमूद की स्मृति आयोजित की गई थी, लेकिन यह फिलिस्तीन के लिए समर्थन का एक केंद्र बन गई.
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पेशावर में आयोजित की गई थी रैली
मौलाना फजलुर रहमान ने पेशावर में सैकड़ों की संख्या में जुट मुस्लिमों को संबोधित करते हुए कहा कि वे संघर्ष के बीच फिलिस्तीनियों के साथ खड़े हैं, उन्होंने कहा कि हम किसी भी परिस्थिति में फिलिस्तीनी भाइयों और बहनों को अकेला नहीं छोड़ेंगे. मौलाना ने मानवाधिकार संगठनों से गाजा में इजरायल के हमलों पर ध्यान देने की भी गुजारिश की. उन्होंने मुसलमानों से कहा कि वे इस्लाम के खिलाफ पनपने वाली ताकतों के खिलाफ जिहाद करें, ये अल्लाह का हुकुम है.
पाक में है रहमान का खासा प्रभाव
मौलाना फजलुर रहमान वही मुस्लिम नेता हैं, जो तालिबान समर्थक माने जाते हैं लेकिन पिछले कुछ साल से उदारवादी होने का दावा करते हैं. इसके अलावा 2018 के चुनाव के बाद इमरान को सत्ता में आने से रोकने के लिए साझा पहल कर सुर्खियों में आए थे. वह राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष की ओर से उम्मीदवार भी रह चुके हैं. सत्ता में नहीं रहते हुए भी नवाज शरीफ की सरकार ने इस मौलाना को केंद्रीय मंत्री का दर्जा दे रखा था.
— भारत एक्सप्रेस
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