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G-20 Summit की PM मोदी ने की अध्यक्षता, सदस्य देशों संग हुई वार्ता का एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने दिया ब्यौरा

दिल्ली में हुई G20 की वर्चुअल समिट की अध्यक्षता आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की. इस दौरान उन्होंने इजराइल-हमास जंग को लेकर भारत का रूख स्पष्ट किया. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर और निर्मला सीतारमण ने सदस्य देशों से हुई बातचीत का ब्यौरा दिया.

S Jaishankar nirmala sitharaman PM Modi

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस जयशंकर, (इनसेट में पीएम मोदी).

G-20 Summit 2023: दिल्ली में आज वर्चुअल G-20 शिखर सम्मेलन आयोजित हुआ. इसमें भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अगुवाई में कई देशों के मंत्रियों ने हिस्सा लिया. सम्मेलन के समापन के उपरांत विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज का वर्चुअल जी 20 शिखर सम्मेलन संपन्न हो गया है. इस बैठक में सभी 21 सदस्य देशों ने भाग लिया. हमारी चर्चाएं सार्थक व बहुत उपयोगी रहीं.”

G-20 शिखर सम्मेलन के बारे में बात करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया कि सभी G-20 सदस्य देशों के नेताओं ने भारत की जी-20 की अध्यक्षता के सफल संचालन के लिए प्रधानमंत्री को बधाई दी. पश्चिमी एशिया में इजरायल—गाजा की जंग के साथ-साथ यूक्रेन मसले और इसके नतीजों पर भी चर्चा की गई. जयशंकर ने कहा, “नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के बाद से भू-राजनीतिक विकास हुए हैं. पश्चिम एशिया में स्थिति नाटकीय रूप से खराब हो गई है, जिसका क्षेत्र और दुनिया पर गंभीर प्रभाव पड़ा है.” विदेश मंत्री ने कहा, ”पश्चिम एशिया में स्थिति नाटकीय रूप से बिगड़ गई है.”

विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कनाडा के साथ बढ़े तनाव पर भी प्रतिक्रिया दी. जयशंकर ने कहा, “हमने वीज़ा जारी करना अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया था क्योंकि कनाडा ने हमारे राजनयिकों के लिए मुश्किल खड़ी कर दी थी. चूंकि स्थिति अधिक सुरक्षित या अपेक्षाकृत बेहतर हो गई है, मुझे लगता है कि वीज़ा सेवाओं को फिर से शुरू करना संभव है.”

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वहीं, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, “आज जी 20 वित्त ट्रैक से संबंधित मुद्दों पर…पांच मुख्य एजेंडा बिंदुओं में से हर एक को दोहराया गया था, जिस पर साल भर चर्चा हुई थी… उनका स्वागत किया गया. MDB सुधार, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, क्रिप्टो संपत्ति, जलवायु वित्त और कल के शहरों के वित्तपोषण के लिए रोड मैप पर चर्चा हुई. कई एमडीबी पहले से ही नवीन वित्त जैसे क्षेत्रों में एक-दूसरे के साथ सहयोग करने के विकल्प तलाश रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट का स्वागत किया गया है. इसके कई पहलू पहले से ही निर्धारित हैं, बोर्ड प्रत्येक बैंक के लिए इसे अपना रहा है.”

— भारत एक्सप्रेस



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