राम मंदिर निर्माण में कई राज्यों का योगदान रहा.
Ram Mandir Pran Pratistha: अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा हो रही है. पीएम नरेंद्र मोदी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और 14 यजमान गर्भगृह में मौजूद हैं. इसे लेकर आज पूरे देश में जश्न का माहौल है. राम मंदिर को लेकर विदेश में भी उत्साह का माहौल है. 500 सालों के इंतजार के बाद हिंदुओं के लिए वह शुभ घड़ी आ चुकी है जब उनके आराध्य देव भगवान श्रीराम अपने घर में प्रवेश करेंगे. ऐसे में राम मंदिर को लेकर विभिन्न राज्यों की ओर से योगदान दिया गया था.
नागौर से आया मार्बल
राम मंदिर के निर्माण में देश के रामभक्तों ने 3500 करोड़ से अधिक का चंदा दिया था. इसके अलावा नागौर के मकराना का इस्तेमाल भी हुआ. मकराना के मार्बल से ही मंदिर के गर्भगृह का सिंहासन बनाया गया. इसी सिंहांसन पर भगवान राम विराजे हैं. वहीं सिंहासन पर सोने की परत चढ़ाई गई है. गर्भगृह में मकराना का सफेद मार्बल लगा है. वहीं मंदिर के पिलर भी यहीं के मार्बल से बने हैं.
गुजरात से आया 700 किलो का रथ
मंदिर की दीवारों और खंभों पर बने देवताओं की नक्काशी में कर्नाटक के चर्मोथी में स्थित बलुआ पत्थर उपयोग में लाया गया है. वहीं प्रवेश द्वार की भव्य आकृतियां राजस्थान के बंशी पहाड़पुर के बलुआ पत्थर से बनी है. गुजरात के अखिल भारतीय समाज दरबार द्वारा 700 किलो का रथ भी उपहार में दिया गया है. भगवान श्रीराम की मूर्ति के लिए काला पत्थर भी कर्नाटक से लाया गया है. अरुणाचल प्रदेश और त्रिपुरा के नक्काशीदार लकड़ी के दरवाजे भी इसमें लगे हैं.
मंदिर के निर्माण के लिए पीतल के बर्तन यूपी से आए हैं. वहीं पाॅलिश की हुई सागौन की लकड़ी महाराष्ट्र से आई हैं. मंदिर निर्माण के दौरान काम आई ईंटे करीब 5 लाख गांवों से आई थीं.
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