दिल्ली हाईकोर्ट
दिल्ली हाईकोर्ट ने मारपीट के एक मामले में दोनों पक्षों के बीच समझौता होने के बाद इस शर्त पर दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया कि वे पार्क में 50 पौधे लगाएंगे. न्यायमूर्ति अनूप कुमार मेंदीरत्ता ने आरोपी परिवार के सदस्यों से यह भी कहा कि लगाए जाने वाले पौधे तीन फीट के हों और यह एफआईआर दर्ज होने वाले थाना क्षेत्र सुल्तानपुरी में लगाए जाएं.
न्यायमूर्ति ने यह भी कहा कि संबंधित जांच अधिकारी पौधे लगाने की जानकारी आठ सप्ताह के भीतर इस अदालत को देने के साथ उसकी देखभाल करेंगे. ऐसा न किए जाने पर याचिकाकर्ताओं को दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के पास 25 हजार रुपये जमा करना होगा.
इस मामले में आईपीसी की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 452 (घर में जबरन घुसना), 506 (धमकी) आदि के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. दोनों परिवारों में से एक परिवार की महिला ने शिकायत की थी कि उसके पड़ोसियों ने उस पर ईटों और लोहे की छड़ों से हमला किया और उसे गलत तरीके से छूकर उसके साथ छेड़छाड़ भी की. जब उसका भाई और पिता उसे बचाने आए तो उन पर भी हमला किया गया.
बाद में मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से सुलझा लिया गया. कोर्ट ने यह देखते हुए एफआईआर को रद्द कर दिया, क्योंकि दोषसिद्धि की संभावना कम थी. अदालत ने कहा कि दोनों पक्षों के बीच मामले को सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटा लिया गया है. इन तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए मामले को लंबित रखने से कोई उपयोगी उद्देश्य पूरा नहीं होगा. इसके अलावा कार्यवाही जारी रखना अदालती प्रक्रिया का दुरुपयोग करना होगा. अदालत ने यह कहते हुए एफआईआर और उसके बाद की कार्यवाही रद्द कर दी.
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-भारत एक्सप्रेस
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