Bharat Express

‘हिमाचल सरकार ने दिल्ली को अतिरिक्त पानी देने से किया इनकार’, सुप्रीम कोर्ट ने कहा- अपर रिवर यमुना बोर्ड 14 जून को बैठक कर ले फैसला

हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि वह 137 क्यूसेक पानी जो कि अतिरिक्त है, वह दूसरे राज्यो को दे रहा है. इसलिए दिल्ली को वो अतिरिक्त पानी नहीं दे सकता.

supreme court

सुप्रीम कोर्ट.

Water Crisis in Delhi: दिल्ली में पीने के पानी के संकट को देखते हुए दिल्ली सरकार की ओर से दायर की गई अतिरिक्त पानी की मांग वाली याचिका का सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि राज्यों के बीच यमुना जल के बंटवारे से संबंधित मुद्दा एक जटिल और संवेदनशील मुद्दा है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि उसके पास फॉर्मूला तय करने की विशेषज्ञता नहीं है.

हिमाचल सरकार ने पानी देने से किया मना

वहीं हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से साफ कह दिया कि उसके पास अतिरिक्त पानी नहीं है. वह दिल्ली को पानी नहीं दे सकता है. जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस प्रसन्ना बी वराले की अवकाशकालीन पीठ ने यह टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने याचिका का निस्तारण करते हुए यह भी कहा कि अपर रिवर यमुना बोर्ड इस मामले में 14 जून को बैठक आयोजित कर मामले पर शीघ्र फैसला ले.

गलत जानकारी देने पर SC नाराज

कोर्ट ने यह भी कहा कि बोर्ड यदि आवश्यक हो तो दिन प्रतिदिन बैठकें आयोजित कर सकता है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने हिमाचल प्रदेश सरकार को पानी के मामले में अपनाए गए रवैये पर फटकार लगाई है. सुप्रीम कोर्ट हिमाचल प्रदेश सरकार के जवाब से संतुष्ट नहीं था. अदालत ने हिमाचल प्रदेश सरकार को चेतावनी दी कि क्यों ना गलत जानकारी देने पर आपके ऊपर अवमानना का मुकदमा चलाया जाए.

बता दें कि हिमाचल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी थी कि वह 137 क्यूसेक पानी जो कि अतिरिक्त है, वह दूसरे राज्यो को दे रहा है. इसलिए दिल्ली को वो अतिरिक्त पानी नहीं दे सकता, जबकि हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर कहा था कि उसके पास अतिरिक्त पानी है. वह 137 क्यूसेक पानी दिल्ली को दे देगा. हालांकि इस गलती के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से माफी मांग ली है.

यह भी पढ़ें- ‘ऑस्ट्रेलिया में जमीन खरीदी…अपराधियों को संरक्षण दिया’, संगीत सोम के आरोपों पर संजीव बालियान ने भेजा 10 करोड़ की मानहानि का नोटिस

दिल्ली ने की थी अतिरिक्त पानी की मांग

वहीं दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा कि वो टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती, क्योंकि टैंकर माफिया यमुना के दूसरे किनारे से पानी ले रहे हैं जो हरियाणा में पड़ता है. दिल्ली सरकार ने कहा था कि अदालत इस मामले में हरियाणा से पूछे कि कार्रवाई क्यों नहीं कि गई? पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार अगर टैंकर माफियाओं पर रोक नहीं लगाती है तो वह दिल्ली पुलिस से टैंकर माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने को कहेंगे.

-भारत एक्सप्रेस



इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.

Also Read