काशी का कायाकल्प मेगा कॉन्क्लेव में उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रविंद्र जायसवाल.
Kashi Ka Kayakalp: भारत एक्सप्रेस न्यूज नेटवर्क उत्तर प्रदेश में बाबा काशी विश्वनाथ की नगरी वाराणसी में ‘काशी का कायाकल्प’ मेगा कॉन्क्लेव का आयोजन कर रहा है. इसका उद्घाटन यूपी के राज्य मंत्री रविंद्र जायसवाल ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया.
उत्तर प्रदेश सरकार में स्टांप एवं न्यायालय पंजीयन शुल्क राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रविंद्र जायसवाल से कॉन्क्लेव में कई मुद्दों पर खुलकर बातचीत की गई. उन्होंने कहा कि वाराणसी में काशी विश्वनाथ का कायाकल्प होने के बाद पर्यटकों में जबरदस्त वृद्धि हुई है, जिससे हजारों करोड़ रुपये भी आए हैं.
सपा और कांग्रेस के गठबंधन की चुनौती के सवाल पर उन्होंने कहा कि बनारस में अब कोई कमी नहीं है, इसलिए विपक्ष के पास कोई मुद्दा नहीं बचा है. पहले विपक्ष का काम था कमियां गिनाना, लेकिन अब कमियां बची ही नहीं. विपक्ष का काम इस समय केवल मीडिया के माध्यम से बोलना रह गया है.
काशी में बना विकास का इतिहास
उन्होंने कहा, ‘धर्म, कला, शिक्षा, संगीत के साथ ही काशी साहित्यकार और संगीतकारों का शहर है. जैन परंपरा के चार तीर्थंकरों का जन्मस्थान काशी है. 2600 साल पहले भगवान बुद्ध ने यहीं से दीक्षा देकर कई बौद्ध अनुयायी देश बना दिए. काशी से सांसद चुने जाने के बाद नरेंद्र मोदी जी प्रधानमंत्री बने, इसके बाद 48,000 करोड़ रुपये के विकास का इतिहास बनाया गया.’
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उन्होंने कहा, ‘विश्व प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के जीर्णोद्धार में करीब 700 करोड़ रुपये लगाया गया. इससे तमाम छोटे व्यापारी तबके के लोगों को लाभ हुआ है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 700 करोड़ लगने के बाद हजारों करोड़ रुपये पर्यटन के बढ़ने से काशी में आए हैं, यह भी विकास है.’
नुकसान के बिना विकास का काम हुआ
उन्होंने कहा कि आज देश ही नहीं देश के बाहर के लोग भी यहां आते हैं. रविंद्र जायसवाल ने एक सवाल के जवाब में कहा कि 2014 के बाद काशी में कई बदलाव हुए हैं. जो पहले सपना था अब वह साकार हो रहा है. बनारस से गाजीपुर, बलिया, प्रयागराज इत्यादी शहरों को अच्छी सड़कों से जोड़ा जा रहा है.
उन्होंने पारंपरिक निर्माण को क्षति पहुंचाए बगैर, विकास कार्य कराने को एक बड़ी चुनौती बताया. उन्होंने कहा कि किसी को भी कोई नुकसान पहुंचाए बिना विकास का काम किया जा रहा है.
मंत्री रविंद्र जायसवाल ने बताया कि पूर्वांचल, बिहार, मध्य प्रदेश जैसे तमाम राज्यों से बीएचयू के मेडिकल साइंस की चिकित्सा पर आधारित हैं. उन्होंने बताया कि सीएसआर फंड से लोगों के इलाज के लिए अब तक 32,000 करोड़ रुपये दिया गया है.
-भारत एक्सप्रेस
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