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Manipur Violence: 10 लाशों का पोस्टमार्टम, CM और विधायकों के घर पर हमले हुए, राज्य सरकार बोली- केंद्र AFSPA हटाए

मणिपुर में हिंसक घटनाओं के बीच कई संगठनों से जुड़े लोग प्रदर्शन कर रहे हैं. कल शाम को सैकड़ों महिला-पुरुष सड़कों पर उतर आए और मणिपुर सरकार के मंत्रियों-विधायकों के घरों की घेराबंदी की. वे CM के घर तक पहुंच गए.

मणिपुर में हिंसक प्रदर्शन जारी.

मणिपुर में हिंसक प्रदर्शन जारी.

Manipur News: पूर्वोत्‍तर भारत के राज्‍य मणिपुर में हिंसक घटनाएं रुक नहीं रहीं. वहां जिरीबाम जिले में सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में 10 ‘उग्रवादियों’ को मार गिराया गया था, 11 नवंबर की उस घटना के बाद जब उन सबका पोस्टमार्टम हुआ तो उन्‍हें असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एसएमसीएच) से हेलीकॉप्टर से चुराचांदपुर ले जाया गया. मारे गए ‘उग्रवादियों’ के समर्थन में कुछ संगठनों से जुड़े लोग प्रदर्शन कर रहे हैं.

बवाल बढ़ने पर अमित शाह ने रद्द कीं महाराष्ट्र की रैलियां

दूसरी ओर, मणिपुर में 3 महिला और 3 बच्चों के शव मिलने के बाद स्‍थानीय लोग भी सड़कों पर उतर रहे हैं. अशांति के मद्देनजर गृह मंत्री अमित शाह नागपुर की चार रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट आए हैं.

खबरों के अनुसार, राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से AFSPA (सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम) वापस लेने को कहा है. केंद्र ने 14 नवंबर को इंफाल वेस्ट, इंफाल ईस्ट, जिरीबाम, कांगपोकपी और बिश्नुपुर जिलों के सेकमाई, लामसांग, लामलाई, जिरीबाम, लीमाखोंग और मोइरांग पुलिस थाना इलाकों में AFSPA लगाया था.

‘मुठभेड़ में मारे गए सभी 10 लोग हमार ग्राम स्वयंसेवक’

कुछ आदिवासी संगठन, जिनमें इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ), कुकी-जो परिषद और हमार छात्र संघ शामिल हैं, वे दावा कर रहे हैं कि 11 नवंबर को सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए सभी 10 लोग “हमार ग्राम स्वयंसेवक” थे, जिन्हें ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए लगाया गया था.

‘शहीदों’ के शवों का फिलहाल दावा नहीं: आईटीएलएफ

एक आदिवासी नेता ने कहा कि आईटीएलएफ द्वारा सड़क मार्ग से शव लाने के निर्णय के बावजूद सरकार ‘शहीदों’ के शवों को हेलीकॉप्टर से लाई. मणिपुर में कुकी-जो जनजातियों के शीर्ष निकाय आईटीएलएफ ने शनिवार दोपहर एक आपातकालीन बैठक की और निर्णय लिया कि फिलहाल ‘शहीदों’ के शवों का दावा नहीं किया जाएगा, क्योंकि शवों के साथ कोई पोस्टमार्टम दस्तावेज नहीं लाए गए हैं. वहीं, एक व्‍यक्ति ने बताया कि शव पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने तक जिला अस्पताल के मुर्दाघर में रखे जाएंगे.

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शवों को सौंपने की मांग कर रहे ‘उग्रवादियों’ के परिवार

बता दें कि मणिपुर के जिरीबाम जिले में 11 नवंबर को सीआरपीएफ कर्मियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए दस ‘उग्रवादियों’ के परिवार के सदस्य शवों को उन्हें सौंपने की मांग को लेकर मेडिकल कॉलेज के बाहर डेरा डाले हुए हैं. सिलचर (असम) में असम पुलिस ने शनिवार को एसएमसीएच के बाहर उस समय लाठीचार्ज किया, जब मारे गए 10 ‘उग्रवादियों’ के परिवार के सदस्यों ने शवों को सौंपने की मांग को लेकर पुलिस के साथ झड़प की.

पुलिस अधिकारियों ने की समझाने-बुझाने की कोशिश

पुलिस अधिकारियों ने शुरू में उन्हें समझाने की कोशिश की कि शवों को नियमों के अनुसार, मणिपुर पुलिस को सौंप दिया जाएगा, लेकिन परिवार के सदस्यों ने प्रस्ताव को स्वीकार करने से इनकार कर दिया और पुलिसकर्मियों के साथ झड़प की तथा पथराव भी किया, जिसमें चार पत्रकारों सहित कई लोग घायल हो गए.

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– भारत एक्‍सप्रेस

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