राष्ट्रीय डोप परीक्षण प्रयोगशाला (एनडीटीएल), नई दिल्ली को एथलीट जैविक पासपोर्ट (एबीपी) के प्रबंधन के लिए विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) से मंजूरी मिल गई है. युवा मामले और खेल मंत्रालय ने गुरुवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि 6 दिसंबर को यह मंजूरी दी गई. एनडीटीएल एथलीट जैविक पासपोर्ट की निगरानी करने के लिए क्षेत्र में एक वाडा-अनुमोदित एथलीट पासपोर्ट प्रबंधन इकाई (एपीएमयू) होगी और एबीपी को एक मजबूत एंटी-डोपिंग कार्यक्रम के बड़े ढांचे में एकीकृत कर सकती है.
एथलीट जैविक पासपोर्ट (एबीपी) एक उन्नत एंटी-डोपिंग उपकरण है जो समय के साथ एथलीट के जैविक मार्करों की निगरानी करता है. बयान में कहा गया है कि रक्त और स्टेरॉयड प्रोफाइल जैसे मापदंडों में भिन्नता का विश्लेषण करके, एबीपी खेलों में निष्पक्ष खेल सुनिश्चित करने और स्वच्छ एथलीटों की रक्षा करने में मदद करता है.
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प्रेस सूचना ब्यूरो के माध्यम से जारी एक बयान में मंत्रालय ने बताया, “यह उपलब्धि भारत के लिए डोपिंग रोधी पहल को आगे बढ़ाने में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. अब भारत दुनिया भर में वाडा द्वारा अनुमोदित 17 एपीएमयू के समूह का हिस्सा है. भारत का एपीएमयू देश के साथ-साथ पड़ोसी देशों के डोपिंग रोधी संगठनों की भी सेवा करेगा.” “यह भारत और एनडीटीएल, नई दिल्ली के लिए बहुत गर्व की बात है. यह मान्यता नए रास्ते खोलेगी और डोपिंग के खिलाफ लड़ाई में दुनिया में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में एनडीटीएल की विश्वसनीयता को मजबूत करेगी.”
-भारत एक्सप्रेस
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