केरल में त्रिशूर पूरम महोत्सव के दौरान भीड़
केरल के त्रिशुर पूरम उत्सव को लेकर केरल हाई कोर्ट द्वारा जारी दिशा निर्देश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है. यह याचिका केरल मंदिर समितियों की ओर से दायर की गई हैं. केरल के तिरुवंबडी और परमेक्कावु देवासमों ने दायर याचिका में कहा है कि हाई कोर्ट का नियम हाथियों के बीच न्यूनतम 6 मीटर की दूरी को अनिवार्य बनाता है. याचिका में यह भी कहा गया है कि त्रिशुर पूरम महोत्सव में 50 से 100 हाथियों की मौजूदगी की सुविधा है.
केरल हाई कोर्ट द्वारा जारी नए दिशा निर्देश के अनुसार त्रिशुर पूरम का आयोजन नहीं किया जा सकता है. हाई कोर्ट द्वारा अप्रैल में दिए गए आदेश के अनुसार उत्सव में हाथियों को लाए जाने पर थीवट्टी (खंभे पर लगी आग) और चेंडा मेलम (तारवादक समूह) जैसे कार्यक्रम आयोजित करने से इनकार कर दिया था. केरल में भीषण गर्मी को देखते हुए हाई कोर्ट ने ऐसी परिस्थितियों में दूरी बनाए रखने की आवश्यकता पर बल दिया.
इससे पहले वन विभाग ने हाथियों और भीड़ के बीच 50 मीटर की दूरी रखने संबंधी अपना आदेश वापस ले लिया था. विभाग ने मुख्य वन्यजीव वार्डन द्वारा जारी विवादास्पद परिपत्र में.संशोधन किया था, जिसमें पूजा स्थलों पर उत्सव के दौरान हाथियों की परेड पर प्रतिबंध लगाया था. हाई कोर्ट ने वन विभाग के मुख्य वन्यजीव वार्डन को जानवरों की फिटनेस सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था और अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए फिटनेस प्रमाणपत्रों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया था. इसके अलावा कोर्ट ने हाथियों की फिटनेस जांच के दौरान परमेक्कावु और थरुवनबाड़ी देवस्वोम के अध्यक्षों की मौजूदगी को अनिवार्य कर दिया है ताकि कार्यवाही में कोई हस्तक्षेप न हो. उन्हें समिति को अपनी राय बताने की अनुमति है. तिरुवंबडी देवासमों के सचिव गिरीश कुमार ने कहा कि त्रिशुर पूरम 36 घंटे तक चलता है. जिसके लिए एक सेक्शन के लिए 150 हाथियों की आवश्यकता होती है.
-भारत एक्सप्रेस
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