क्रिकेट को अनिश्चितताओं का खेल कहा जाता है और यही अनिश्चितताएं कई बार खिलाड़ियों की जिंदगी को भी गहराई से प्रभावित करती हैं. खिलाड़ी कब शोहरत और सफलता से निराशा और अंधेरे में पहुंच जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता. कुछ ऐसा ही न्यूजीलैंड के पूर्व क्रिकेटर लू विन्सेंट (Former New Zealand cricketer Lou Vincent) के साथ हुआ. कभी न्यूजीलैंड के तीनों फॉर्मेट में अहम खिलाड़ी रहे लू विन्सेंट ने 23 टेस्ट, 102 वनडे और 7 टी20 मुकाबलों में टीम का प्रतिनिधित्व किया. 2001 में अपने डेब्यू मैच में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शतक लगाने वाले विन्सेंट को अपने आखिरी घरेलू टेस्ट मैच में 224 रनों की यादगार पारी के लिए भी जाना जाता है. लेकिन उनके करियर को मैच फिक्सिंग ने ऐसा झटका दिया कि उनका जीवन पूरी तरह बदल गया.
फिक्सिंग की ओर बढ़ते कदम
लू विन्सेंट ने 2007 में अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला. इसके बाद जब उन्हें सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट नहीं मिला, तो उन्होंने दुनिया भर की लीग्स में खेलना शुरू कर दिया. 2008 में इंडियन क्रिकेट लीग (आईसीएल) में खेलने के दौरान उनका संपर्क फिक्सिंग से हुआ. उन्होंने खुद बताया कि न्यूजीलैंड के ऑलराउंडर क्रिस केयर्स ने उन्हें फिक्सिंग से परिचित कराया.
साल 2014 में लू विन्सेंट पर कुल 18 फिक्सिंग के आरोप सिद्ध हुए. उन्होंने स्वीकार किया कि इंडियन क्रिकेट लीग और 2012 की टी20 चैंपियंस लीग में उन्होंने फिक्सिंग की थी. इसके अलावा, बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड ने फिक्सिंग अप्रोच का खुलासा न करने पर उन्हें तीन साल के लिए बैन किया गया. इंग्लैंड के टी20 ब्लास्ट टूर्नामेंट में भी फिक्सिंग के आरोपों के कारण उनका नाम सामने आया. इन सभी मामलों के चलते लू विन्सेंट न्यूजीलैंड क्रिकेट इतिहास में आजीवन बैन होने वाले पहले खिलाड़ी बन गए.
फिक्सिंग के बाद का संघर्षपूर्ण जीवन
मैच फिक्सिंग के खुलासे ने लू विन्सेंट की जिंदगी को तबाह कर दिया. इस मुश्किल समय में उनका परिवार उनसे अलग हो गया. उनकी बेटियां भी उनसे दूर चली गईं. मानसिक स्वास्थ्य से जूझते हुए विन्सेंट ने एक साधारण जिंदगी को अपनाया. अब वह न्यूजीलैंड के उत्तर द्वीप के एक सुदूर इलाके में रहते हैं. वहां वे पुरानी जर्जर इमारतों को सुधारने का काम करते हैं. उनके पास न तो अच्छे कपड़े हैं और न ही समय. वह बताते हैं कि ज्यादातर कपड़े चैरिटी शॉप से खरीदते हैं क्योंकि काम के दौरान वे खराब हो जाते हैं.
ये भी पढ़ें- Year Ender 2024 Sports: क्रिकेट से लेकर ओलंपिक और पैरालंपिक तक, ये हैं भारतीय खेल जगत की सबसे बड़ी उपलब्धियां
जिंदगी में बदलाव की चाहत
हालांकि, विन्सेंट अपनी इस स्थिति से बाहर निकलना चाहते हैं. उनका सपना है कि वे इंग्लैंड जाकर अपने पुराने दोस्तों से मिलें और क्रिकेट को वह सब लौटाएं, जो उन्होंने खेल से लिया था. हाल ही में, इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच हुई सीरीज के दौरान उन्हें बेसिन रिजर्व में एक भाषण देते हुए देखा गया, जो उनके जीवन में नई शुरुआत की उम्मीद को दर्शाता है. एक समय पर अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने वाले लू विन्सेंट आज अपनी जिंदगी को पटरी पर लाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनका सफर यह सिखाता है कि क्रिकेट जैसा खेल जितना अद्भुत है, उतना ही विनाशकारी हो सकता है, यदि अनुशासन और नैतिकता को ताक पर रख दिया जाए.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.