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क्या अश्विन का संन्यास और पहले होना चाहिए था?

आर अश्विन ने महज 106 टेस्ट में रिकॉर्ड 537 विकेट हासिल किए उसमें भी 37 बार पांच विकेट लेने और 8 बार 10 विकेट लेने का करिश्मा कर दिखाया.

R Ashwin

ऑफ स्पिनर आर अश्विन ने आज क्रिकेट के तीनों फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा कर दी. 38 साल के अश्विन का रिकॉर्ड शानदार रहा है. लेकिन वो कहते हैं एक वक्त के बाद तमाम चीजें आपके मन के मुताबिक नहीं हो पातीं तो आपको रुक कर कोई बड़ा फैसला करना पड़ता है और यही सब कुछ अश्विन  के साथ चल रहा था.

जाहिर है भारतीय टीम जिस तरह खेल रही है वहीं उसके पास आईपीएल के बाद एक तगड़ा बेंचस्ट्रेंथ मौजूद है. किसी भी खिलाड़ी एक गलती उसको टीम से बाहर करने के लिए काफी है ऐसे में अश्विन के संन्यास से मन तो भारी जरूर होता है लेकिन क्रिकेट के लिए ये जरूरी है कि पुराने लोग अब नए लोगों के लिए स्थान दें.

रोहित, कोहली और जडेजा के बाद अश्विन का ऐलान

आपने देखा कि किस तरह टी-20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद न सिर्फ कोहली ने टी20 से संन्यास लिया, रोहित शर्मा ने टी20 से संन्यास लिया बल्कि उनके ही नक्शेकदम पर चलते हुए रविंद्र जडेजा ने भी टी20 फॉर्मेट से अलविदा कह दिया. उन्होंने अपनी सीमाएं परखीं और उनको लगा कि टी20 में अब काफी ऐसे खिलाड़ी आ चुके हैं, जिनके दमखम से टी20 क्रिकेट में कामयाबी के झंडे गाड़े जा सकते हैं. बहरहाल अश्विन ने अपने शानदार खेल से न सिर्फ भारतीय क्रिकेट को मजबूती बल्कि एक वक्त ऐसा था जब अश्विन अपने बदौलत पूरे मैच का पासा पलट देने का माद्दा रखते थे.

टेस्ट मैच में अश्विन का शानदार रिकॉर्ड

आर अश्विन ने महज 106 टेस्ट में रिकॉर्ड 537 विकेट हासिल किए उसमें भी 37 बार पांच विकेट लेने और 8 बार 10 विकेट लेने का करिश्मा कर दिखाया. वहीं एक मैच में 5 विकेट लेने के रिकार्ड के मामले में पहले अनिल कुंबले के नाम था जिन्होंने 35 बार ऐसा कारनामा किया था. वहीं आर अश्विन के तीनों फॉर्मेट के मैच की बात करें तो उन्होंने कुल 287 मैच खेले और 765 विकेट लिए. अश्विन के आगे केवल कुंबले हैं जिन्होंने तीनो फॉर्मेट में 953 विकेट लिए थे. वहीं अश्विन की फिरकी पर ज्यादा नाचे इंग्लैंड के खिलाड़ी. दरअसल आर अश्विन ने इंग्लैंड के खिलाफ तीनों फॉर्मेट में 53 मैच खेले और डेढ़ सौ विकेट लिए वहीं दूसरे नंबर पर ऑस्ट्रेलिया रहा जिसके खिलाफ अश्विन ने 50 मैचों में 146 विकेट लिए.

बल्लेबाजी में भी जमकर दिखाया जलवा

अश्विन की बतौर बल्लेबाजी के आंकड़ों की बात हम न करें तो ये बेमानी होगी. टेस्ट क्रिकेट में जहां 3503 रन बनाएं वहीं 6 शतक और 14 अर्द्धशतक भी लगाए. आज से 4-5 साल पहले तक जब टीम इंडिया का मिडिल ऑर्डर ध्वस्त होता था तो सबको भरोसा रहता था अभी अश्विन को खेलने आना है. अश्विन संभाल लेंगे और अश्विन ऐसा करते भी थे. कई बार अश्विन  ने अपनी बल्लेबाजी से देश को हारता हुआ मैच जीत कर दे दिया. पूरे चौदह साल अपने कंधों पर टीम इंडिया के ऑफ स्पिन का भार उठाने वाले आर अश्विन को लगने लगा कि यही समय है, सही समय है जब रिटायरमेंट का एलान किया जाए.


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अश्विन का क्रिकेट सफर

5 जून 2010 का वह खास दिन था जब अश्विन ने टीम इंडिया के साथ वनडे से श्रीलंका के खिलाफ अपने क्रिकेट करियर की शुरुआत की. वहीं 12 जून 2010 को जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 में डेब्यू किया. बात टेस्ट में अश्विन की एंट्री की करें तो स्पिन के जादूगर अश्विन ने टेस्ट में 2011 में वेस्टइंडीज के खिलाफ दिल्ली टेस्ट से पदार्पण किया था. वहीं 2011 के वनडे विश्वकप और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी जीने वाली टीम में शामिल थे. वहीं अश्विन के पास एक अनोखा रिकॉर्ड भी है. अश्विन टेस्ट क्रिकेट में 11 बार प्लेयर ऑफ द सीरीज का खिताब जीत चुके हैं. इस मामले में वो श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन की बराबरी कर चुके हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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