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भारतीय रेलवे का इंजीनियरिंग चमत्कार, देश का पहला वर्टिकल लिफ्ट समुद्री पुल ‘पंबन ब्रिज’ बनकर तैयार

नए पंबन पुल को संचालित करने के लिए एक काउंटरवेट मैकेनिज्म लगाया गया है, जो कम बिजली की खपत करता है. अगर कोई जहाज पुल के नीचे से गुजरना चाहता है, तो उसे समुद्री विभाग से समन्वय करना होगा.

समुद्र पर बना पंबन ब्रिज. (फाइल फोटो: X/@AshwiniVaishnaw)

विकास की राह पर अग्रसर भारतीय रेलवे अब नवनिर्मित पंबन ब्रिज के साथ इंजीनियरिंग के चमत्कार का एक उत्कृष्ट उदाहरण पेश करने की ओर अग्रसर है. भारतीय रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा निर्मित सबसे प्रतिष्ठित संरचनाओं में से एक पंबन ब्रिज भारत की मुख्य भूमि के मंडपम शहर को पंबन द्वीप और रामेश्वरम से जोड़ता है.

नए पुल में 18.3 मीटर के 100 स्पैन और 63 मीटर का एक नेविगेशनल स्पैन है. यह मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा होगा और समुद्र तल से 22.0 मीटर की नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस होगी.

काउंटरवेट मैकेनिज्म

समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) के इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एम. दिनेश ने बताया कि मौजूदा मैनुअल संचालन और नियंत्रण की तुलना में नए पुल में इलेक्ट्रो-मैकेनिकल नियंत्रित सिस्टम है, जो ट्रेन नियंत्रण प्रणाली के साथ इंटरलॉक किया जाएगा.

उन्होंने कहा कि पुल को संचालित करने के लिए एक काउंटरवेट मैकेनिज्म लगाया गया है, जो कम बिजली की खपत करता है. अगर कोई जहाज पुल के नीचे से गुजरना चाहता है, तो उसे समुद्री विभाग से समन्वय करना होगा. फिर, विभाग रेलवे के साथ समन्वय करता है और अनुमति प्राप्त करता है. किसी भी जहाज को गुजरने देने के लिए, ट्रेन संचालन को लगभग दो घंटे तक रोकना होगा.


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नया पुल 3 मीटर ऊंचा

उन्होंने आगे बताया कि पुराने पुल में ज्वार के स्तर और गर्डर के निचले हिस्से के बीच केवल 1.5 मीटर की ऊर्ध्वाधर निकासी उपलब्ध है, जिसके परिणामस्वरूप गर्डरों पर समुद्री पानी की बौछार होती है. इसकी तुलना में, नया पुल मौजूदा पुल से 3.0 मीटर ऊंचा है और समुद्र तल से 22.0 मीटर की नौवहन वायु निकासी है. रेलवे बोर्ड के कार्यकारी निदेशक, सूचना और प्रकाशन दिलीप कुमार ने कहा कि पुराने पंबन पुल को 24 फरवरी, 1914 को चालू किया गया था. अब नई तकनीकों के साथ आगे बढ़ने का समय आ गया है. यह पुल रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ेगा.

535 करोड़ रुपये की लागत

जहाजों की आवाजाही के लिए नए पुल के संचालन की तकनीक का जिक्र करते हुए कुमार ने कहा कि वर्टिकल लिफ्ट की वजह से 63 मीटर की पूरी क्षैतिज चौड़ाई नौवहन के लिए उपलब्ध होगी.

यह बताना जरूरी है कि इस पुल का निर्माण रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) ने 535 करोड़ रुपये की लागत से किया है. यह पुल भारतीय रेलवे को तेज़ गति से ट्रेनें चलाने की अनुमति देगा। इससे भारत की मुख्य भूमि और रामेश्वरम द्वीप के बीच यातायात भी बढ़ेगा.

उल्लेखनीय है कि ग्रेट पंबन ब्रिज दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है. दर्शकों को एक शानदार नजारा पेश करते हुए, आधुनिक तकनीक ने खूबसूरती से विस्तार किया है और क्रूजर और जहाजों को गुजरने की अनुमति दी है. यह पुल प्रसिद्ध रामनाथस्वामी मंदिर में आने वाले तीर्थयात्रियों को ले जाता है.

-भारत एक्सप्रेस



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