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दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्त 2015 के जेल वैन दोहरे हत्याकांड के आरोपी सुनील मान को मेडिकल आधार पर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी

दिल्ली हाई कोर्ट ने सुनील मान को, जो कि अगस्त 2015 के जेल वैन दोहरे हत्याकांड का आरोपी है, नौ साल से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद मेडिकल कारणों से दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी.

Delhi High Court verdict

Delhi High Court verdict

दिल्ली हाई कोर्ट ने अगस्त 2015 के जेल वैन दोहरे हत्याकांड के आरोपी को अंतरिम जमानत दी है. आरोपी सुनील मान को नौ साल से अधिक समय तक हिरासत में रहने के बाद मेडिकल ग्राउंड पर दो सप्ताह की अंतरिम जमानत दी गई है. इस मामले में मंगोलपुरी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई थी. यह मामला नीरज बवाना और उसके गुर्गों द्वारा रोहिणी कोर्ट से तिहाड़ जेल ले जा रही जेल वैन में नीतू दाबोदिया गिरोह के दो सदस्यों की कथित हत्या से संबंधित है.

मेडिकल स्थिति को ध्यान में रखते हुए जमानत

जस्टिस अनूप जयराम भंभानी ने अपने आदेश में कहा है कि याचिकाकर्ता की मेडिकल स्थिति रिपोर्ट में जो कुछ भी देखा गया है, तथा चूंकि नाममात्र रोल से पता चलता है कि याचिकाकर्ता लगभग साढ़े नौ वर्ष से न्यायिक हिरासत में है, तथा उसे विषयगत एफआईआर में कोई अंतरिम जमानत या अन्य राहत नही दी गई है, तथा वर्तमान मामले में याचिकाकर्ता पर लगाए गए अपराधों की अत्यधिक गंभीरता को ध्यान में रखते हुए अंतरिम जमानत प्रदान करने के लिए सहमत है, ताकि वह अपनी वैरिकाज नर्सो की समस्या का समाधान कर सके.

1 लाख रुपए का व्यक्तिगत बॉन्ड और 3 जमानतदार

अदालत ने उसे अंतरिम जमानत की शर्तें पर ट्रायल कोर्ट/डियूटी मजिस्ट्रेट की संतुष्टि के लिए परिवार के सदस्यों/रिश्तेदारों से समान राशि के 3 जमानतदारों के साथ एक लाख रुपए के व्यक्तिगत बॉन्ड प्रस्तुत करेगा. वह प्रत्येक वैकल्पिक दिन पुलिस स्टेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराएगा, और अंतरिम जमानत की अवधि समाप्त होने पर याचिकाकर्ता जेल अधीक्षक के समक्ष आत्मसमर्पण करेगा.

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हत्याकांड से जुड़ी गंभीर अपराध की घटना

हाई कोर्ट ने निर्देश दिया है कि, अपने आत्मसमर्पण के समय याचिकाकर्ता को जेल अधीक्षक को अपनी डिस्चार्ज समरी और अन्य प्रासंगिक चिकित्सा दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे, ताकि अंतरिम जमानत पर रहने के दौरान उसकी सर्जरी/प्रक्रिया बक सबूत मिल सके. उक्त जेल वैन मृतक और आरोपियों को रोहिणी कोर्ट में दाबोदिता के प्रदीप दहिया हत्याकांड की सुनवाई के बाद तिहाड़ जेल ले जा रही थी. 2013 में स्पेशल सेल के साथ मुठभेड़ में नीतू दाबोदिता की मौत के बाद पारस विक्रम दाबोदिता गैंग का नेतृत्व कर रहा था.

-भारत एक्सप्रेस 



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