एमके स्टालिन.
तमिलनाडु विधानसभा ने आपराधिक कानून (तमिलनाडु संशोधन) विधेयक, 2025 और तमिलनाडु महिला उत्पीड़न निषेध (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित कर दिया है. मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार (10 जनवरी) को विधानसभा में ये विधेयक पेश किए.
विधेयक का उद्देश्य महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए सजा को बढ़ाना और डिजिटल और इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म पर उन्हें परेशान करने वालों पर मुकदमा चलाना है. एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, ‘पेश किए गए विधेयक क्रमश: भारतीय न्याय संहिता, 2023 और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 (केंद्रीय अधिनियम 48, 2023) में संशोधन करने के लिए पेश किए गए हैं.’
सजाओं को बढ़ाया गया
आपराधिक कानून विधेयक में बलात्कार के दोषी के लिए न्यूनतम 14 साल के कठोर कारावास का प्रस्ताव है, जो वर्तमान में 10 साल है. अगर बलात्कारी पुलिस बल का सदस्य है, तो न्यूनतम कठोर कारावास को दोगुना करके 20 साल करने का प्रस्ताव है. अगर बलात्कार पीड़ित 12 वर्ष से कम आयु की लड़की है, तो न्यूनतम सजा के रूप में आजीवन कारावास और अधिकतम सजा के रूप में मृत्युदंड का प्रावधान है.
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विधानसभा में मुख्यमंत्री स्टालिन ने कहा कि तमिलनाडु में बड़ी संख्या में महिलाएं वर्कफोर्स और उच्च शिक्षा में हैं. उन्होंने कहा कि भारत भर में कंपनियों में काम करने वाली लगभग 41% महिलाएं राज्य में कार्यरत हैं. उन्होंने कहा, ‘इसके साथ ही तमिलनाडु सरकार महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने और उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने तथा कानूनी न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.’
अन्ना यूनिवर्सिटी का मामला
यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है, जब सत्तारूढ़ DMK सरकार को पिछले साल दिसंबर में चेन्नई के Anna University में एक 19 वर्षीय छात्रा के साथ कथित तौर पर यौन उत्पीड़न के बाद आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है. इस वारदात को एक बाहरी व्यक्ति द्वारा परिसर में घुसकर अंजाम दिया गया था. विपक्षी AIADMK और BJP ने इस घटना को लेकर विधानसभा के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. इसके साथ ही कानून-व्यवस्था की स्थिति में गिरावट को लेकर स्टालिन के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना की थी.
-भारत एक्सप्रेस
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