भारत में पूंजी जुटाने का रिकॉर्ड तोड़ सिलसिला 2025 में भी जारी रहेगा. देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज बीएसई के सीईओ सुंदररमन राममूर्ति ने रॉयटर्स को बताया कि कई कंपनियां पब्लिक होने की योजना बना रही हैं.
“90 से अधिक कंपनियों ने पहले ही नियामक के पास अपने ड्राफ्ट प्रॉस्पेक्टस जमा कर दिए हैं. ये कंपनियां इस साल ₹1 लाख करोड़ (11.65 अरब डॉलर) जुटाने की योजना बना रही हैं,” राममूर्ति ने गुरुवार को कहा.
पिछले साल, 91 बड़ी कंपनियों ने बीएसई और एनएसई (नेशनल स्टॉक एक्सचेंज) पर आईपीओ के जरिए रिकॉर्ड ₹1.6 लाख करोड़ जुटाए. यह आंकड़े प्राइम डेटाबेस नामक एनालिटिक्स फर्म के अनुसार हैं.
ओएफएस में बढ़ोतरी
राममूर्ति ने बताया कि आईपीओ बूम में अधिकतर ऑफर फॉर सेल (ओएफएस) हैं, जहां बड़े शेयरधारक अपने मौजूदा शेयर बेचते हैं और आय उनके पास जाती है. उन्होंने कहा, “मैं चाहता हूं कि ओएफएस का प्रतिशत कम हो और नई पूंजी जुटाने की हिस्सेदारी बढ़े.”
बीएसई ने वित्त वर्ष 2024-25 की पहली छमाही में लिस्टिंग फीस से ₹1.57 अरब की कमाई की. यह पिछले साल की समान अवधि में ₹1.3 अरब थी. राममूर्ति ने बीएसई की वित्तीय स्थिति पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, क्योंकि इसकी तिमाही आय जल्द आने वाली है.
डेरिवेटिव ट्रेडिंग पर सख्त नियमों का प्रभाव
आईपीओ पाइपलाइन से होने वाले लाभ को डेरिवेटिव ट्रेडिंग के लिए कड़े नियमों ने संतुलित किया है. सितंबर से भारत में डेरिवेटिव ट्रेडिंग का परिकल्पित मूल्य 40% घट गया है. वहीं, प्रीमियम में 15-20% की गिरावट आई है.
राममूर्ति ने कहा, “नए नियमों में से तीन अप्रैल तक लागू होंगे. हमें अंतिम प्रभाव का आकलन करने के लिए अप्रैल तक इंतजार करना होगा.”
नवंबर 20 से बीएसई के शेयरों में लगभग 10% की बढ़त देखी गई है. विश्लेषकों का मानना है कि बीएसई पर इन नियमों का प्रभाव एनएसई की तुलना में कम रहेगा, क्योंकि एनएसई का डेरिवेटिव ट्रेडिंग वॉल्यूम बड़ा है.
राजस्व स्रोतों में विविधता लाने की योजना
बीएसई, जो मुख्य रूप से लेनदेन शुल्क और कंपनियों को लिस्टिंग सेवाओं से राजस्व कमाता है, अपने आय स्रोतों में विविधता लाने की योजना बना रहा है. राममूर्ति ने कहा कि बीएसई अपने इंडेक्स बिजनेस को बढ़ाने की योजना बना रहा है.
उन्होंने कहा, “हमने पिछले साल के मध्य से 15 इंडेक्स लॉन्च किए हैं और इस क्षेत्र में और काम करने की संभावना है.”
इसके अलावा, बीएसई अपने को-लोकेशन सर्विसेज का विस्तार करने पर विचार कर रहा है, जो हाई-फ्रीक्वेंसी और एल्गोरिदमिक ट्रेडिंग की मांग के कारण लोकप्रिय हो रही हैं.
उन्होंने कहा, “को-लोकेशन में राजस्व उत्पन्न करने की अच्छी संभावना है, लेकिन अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया गया है. बाजार वॉल्यूम स्थिर होने के बाद अप्रैल में इस पर विचार करेंगे.”
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-भारत एक्सप्रेस
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