खुदरा महंगाई दर में आई कमी.
महंगाई के मोर्चे पर आम आदमी के लिए राहतभरी खबर है. दिसंबर में खुदरा महंगाई चार महीने के निचले स्तर 5.22 प्रतिशत पर आ गई है. नवंबर में महंगाई दर 5.48 प्रतिशत थी.
क्यों कम हुई खुदरा महंगाई?
सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी किए गए डेटा में बताया गया कि खुदरा महंगाई कम होने की वजह सब्जियों, दालों और चीनी की कीमत में कमी आना है. अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर 14 महीने के उच्चतम स्तर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई थी.
खाद्य पदार्थों की कीमतों में आई गिरावट
मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, “दिसंबर महीने के दौरान सब्जियों, दालों, चीनी और मिष्ठान्न, अनाज और व्यक्तिगत देखभाल एवं अन्य वस्तुओं में महंगाई दर में बड़ी गिरावट देखी गई है.” हाउसिंग महंगाई दर दिसंबर में 2.71 प्रतिशत रही है, जो कि नवंबर में 2.87 प्रतिशत थी.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिसंबर 2024 में सबसे अधिक महंगाई मटर (सब्जी) में 89.12 प्रतिशत, आलू में 68.23 प्रतिशत, लहसुन में 58.17 प्रतिशत, नारियल तेल में 45.41 प्रतिशत और फूलगोभी में 39.42 प्रतिशत रही है.
इसके अलावा दिसंबर 2024 में सबसे कम महंगाई दर जीरा में -34.69 प्रतिशत, अदरक में -22.93 प्रतिशत, सूखी मिर्च में -10.32 प्रतिशत, एलपीजी (वाहन शुल्क को छोड़कर) में -9.29 प्रतिशत रही है.
महंगाई में कमी एक अच्छा संकेत है क्योंकि खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में आरबीआई की 6 प्रतिशत की ऊपरी सीमा को पार कर गई थी. आरबीआई विकास को बढ़ावा देने के लिए ब्याज दर में कटौती करने से पहले खुदरा महंगाई के 4 प्रतिशत तक नीचे आने का इंतजार कर रहा है.
यह भी पढ़ें- पहली बार ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी दर 5% से कम, शहरी इलाकों से बेहतर प्रदर्शन: SBI Research
आरबीआई ने अपनी पिछली मौद्रिक नीति के दौरान आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए लोन देने के लिए अधिक धन उपलब्ध कराने के लिए बैंकों के लिए कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) में 0.5 प्रतिशत की कटौती की, लेकिन महंगाई को ध्यान में रखते हुए प्रमुख रेपो दर को 6.5 प्रतिशत पर यथावत रखा था. सीआरआर में कटौती करने से बैंकिंग सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ रुपये की तरलता बढ़ी है.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.