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UP Roadways Bus Fare: यूपी में रोडवेज बसों का सफर होगा महंगा, 25 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से हुई वृद्धि

Roadways Bus: इससे पहले 2020 में जब बसों का किराया बढ़ाया गया था तब डीज़ल 63.50 रुपए प्रति लीटर के करीब था और अब जब डीज़ल 90 रुपए के करीब है, तो बसों मे 25 पैसे प्रति किलोमीटर का इजाफा किया गया है.

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फोटो क्रेडिट- उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम

उत्तर प्रदेश में रोडवेज बसों में सफर करने पर यात्रियों की जेब और ढीली होने जा रही है. बसों का किराया 25 पैसे प्रतिकिलोमीटर की दर से बढ़ा दिया गया है तथा सोमवार रात से बढ़ा हुआ किराया लागू कर दिया गया है. इससे रोडवेज को सालाना 30 करोड़ रुपये का मुनाफा होगा.

इस बारे में राज्य परिवहन प्राधिकरण के अध्यक्ष एल. वेंकटेश्वर लू की ओर से सोमवार शाम को आदेश जारी कर दिया गया है. दरअसल, बीती 30 जनवरी को राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) की बैठक हुई थी, जिसमें रोडवेज बसों और ऑटो के किराए संबंधी प्रस्ताव पर मुहर लगा दी गई है. परिवहन निगम की ओर से साधारण बसों में 25 पैसे प्रति किलोमीटर की दर से किराया बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे मंजूर कर लिया गया था. वहीं सोमवार को आदेश जारी कर बढ़ा हुआ किराया लागू कर दिया गया है.

25 पैसे प्रतिकिलोमीटर की दर से किराया बढ़ गया

नया किराया लागू होने पर 25 पैसे प्रतिकिलोमीटर की दर से किराया बढ़ गया है. प्रति किलोमीटर दर पहले 1.05 पैसे थी, जबकि अब यह प्रति किलोमीटर बढ़कर 1.30 पैसे कर दी गई है. लखनऊ से सीतापुर, लखीमपुर, दिल्ली, गोरखपुर आदि शहरों के लिए सफर करने वाले पैसेंजरों को अब ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे.

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प्रतिमाह करीब ढाई करोड़ रुपये की वृद्धि

रोडवेज बसों में रोजाना 14 लाख यात्री सफर करते हैं. ऐसे में 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराया बढ़ने से रोडवेज की आय में प्रतिमाह करीब ढाई करोड़ रुपये की वृद्धि होगी. यह सालाना 30 करोड़ रुपये से अधिक हो जाएगी.  इससे अब बसों का मेंटेनेंस किया जा सकेगा तथा अधिकारियों-कर्मचारियों का वेतन भी समय पर मिल सकेगा.

डीजल की कीमतों में वृद्धि से बसों का संचालन मुश्किल

परिवहन निगम एमडी संजय कुमार ने किराया बढ़ाने के पीछे यह दलील दी है कि डीजल की कीमतों में लगातार वृद्धि होने से बसों का संचालन मुश्किल हो रहा है. अब किराया बढ़ने से बसों का बेहतर मेंटेनेंस आसानी से हो सकेगा. यात्री सुविधाओं में वृद्धि की जा सकेगी तथा नई बसों की खरीदारी कर बेड़े को बढ़ाया जा सकेगा.

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