दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल
Haryana Assembly Elections: जब से दिल्ली की सभी 7 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने को लेकर कांग्रेस की तरफ से बयान दिया गया है, आम आदमी पार्टी के तेवर भी तल्ख हो गए हैं. आम आदमी पार्टी कांग्रेस के इस ऐलान के बाद एक-एक करके अलग-अलग राज्यों में अकेले दम पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही है. ऐसे में आम आदमी पार्टी का ये कदम ‘इंडिया अलायंस’ की मुश्किलें बढ़ा सकता है.
आम आदमी पार्टी मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है और उम्मीदवारों की पहली सूची भी जारी कर चुकी है. वहीं छत्तीसगढ़ और राजस्थान में भी पार्टी चुनावी तैयारियों में जुटी है. बता दें कि इन तीनों में राज्यों में इस साल के अंत में चुनाव होने हैं. मध्य प्रदेश में जहां बीजेपी की सरकार है, वहीं राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सत्ता में है. आम आदमी पार्टी ने हाल ही में बिहार में भी चुनाव लड़ने की अपनी मंशा साफ कर दी थी. इसके बाद अब एक और फैसला करते हुए आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस और ‘इंडिया अलायंस’ को सोचने पर मजबूर कर दिया है. आम आदमी पार्टी ने हरियाणा की सभी सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है.
हरियाणा में सभी सीटों पर लड़ेगी AAP
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री संदीप पाठक ने कहा कि गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए हुआ है. हरियाणा में जनता बदलाव के लिए बहुत ज्यादा उत्सुक है. उन्होंने कहा कि राज्य में लगभग पंद्रह दिन में एक-एक गांव में हमारी कमेटी बन जाएगी और उसके बाद हम अपना अभियान तेज कर देंगे. सोमवार को दिल्ली के सीएम और पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने हरियाणा के नेताओं से मुलाकात की थी, जिसके बाद यह फैसला लिया गया कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनावों में अकेले मैदान में उतरेगी.
कांग्रेस को भी AAP के साथ गठबंधन से परहेज
आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों की ‘इंडिया अलायंस’ का हिस्सा हैं. ऐसे में आम आदमी पार्टी का ये ऐलान विपक्ष के एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करने की कोशिशों की राह में रोड़ा बन सकता है. जहां तक गठबंधन की बात है तो कांग्रेस के कुछ नेता भी अलग-अलग राज्यों में आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं रहे हैं.
अलका लांबा ने साफ तौर पर कहा था कि पार्टी दिल्ली की सभी सात सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी. वहीं उन्होंने मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल जाने का हवाला देते हुए आप पर निशाना भी साधा था. इसके बाद संदीप दीक्षित ने भी अलका लांबा के सुर में सुर मिलाए थे. हालांकि, दिल्ली कांग्रेस ने उनके बयानों से खुद को अलग कर लिया लेकिन इसके बाद से ही आम आदमी पार्टी विभिन्न राज्यों में चुनाव लड़ने का ऐलान कर रही है.
दूसरी तरफ, पंजाब कांग्रेस की तरफ से भी बयान आया था कि आम आदमी पार्टी से वहां गठबंधन किया जाएगा जहां बीजेपी ज्यादती कर रही है. संकेत साफ था कि पंजाब में आप के साथ गठबंधन का उनका कोई इरादा नहीं है. बता दें कि पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार है. अब अगर दोनों दलों की यही लाइन रहती है तो आने वाले समय में ‘इंडिया अलायंस’ के बैनर तले लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सीटों के बंटवारे पर भी पेंच फंस सकता है.
-भारत एक्सप्रेस