Bharat Express

विश्लेषण

Ram Rahim Furlough: अपराधी चाहे पेशेवर गुंडा हो, कोई आम आदमी हो जिसके द्वारा किसी विशेष परिस्थिति में अपराध हुआ हो या फिर कोई रसूखदार व्यक्ति हो, क़ानून सबके लिए एक समान है.

शेख़ हसीना द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ हाल में सेना के साथ सरकार बनाने की बातचीत करने वाली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा था.

Nazul Property Bill: प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में नजूल संपत्ति अधिनियम पेश किया गया. विधानसभा में पास होने के बाद विधान परिषद में इस बिल का भारी विरोध हुआ.

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्ता पलटने के साथ ही वहां जमात-ए-इस्लामी और भारत विरोधी ताकतें हिंदुओं और प्राचीन हिंदू मंदिरों पर हमला करने लगी हैं.

Delhi Coaching Centre Tragedy: जिसे देखो वो कोचिंग सेंटर के संचालकों पर उँगली उठा रहा है। जबकि ऐसे हादसों में केवल उनकी गलती नहीं होती.

जब तक संसदीय कार्यवाही का टीवी पर प्रसारण नहीं होता था, तब तक देश की जनता को यह पता ही नहीं चलता था कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि संसद में कैसा व्यवहार कर रहे हैं?

ग़ौरतलब है कि देश भर की जेलों में लगभग 6 लाख क़ैदी बंद हैं। इनमें से बहुत सारे क़ैदी ऐसे हैं जिनका आरोप सिद्ध भी नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें यदि ज़मानत मिल जाती है तो जाँच एजेंसियाँ या सरकारी पक्ष इसके विरोध में खड़ी हो जाती है।

पूजा खेडकर का मामला इस बात की गवाही है कि हमारे देश में फर्जी प्रमाण-पत्र दिखाकर मलाई खाने का खेल खूब चल रहा है, जिसे तुरंत बंद किए जाने की जरूरत है.

जब हम हिंसा के दृश्यों को लगातार देखते हैं तो उनको हम एक सामान्य घटना मानने लग जाते हैं. ऐसी वेब सीरीज युवाओं में यह भाव भी भरते हैं कि पुलिस हमारी मुट्ठी में है और कुछ नहीं होगा?

Reels Show off on Social Media: कई बार रील्स बनाने वाले दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं, लेकिन फिर भी इसकी लत उनका पीछा नहीं छोड़ती.