राम रहीम को फरलो: क़ानून का मखौल!
Ram Rahim Furlough: अपराधी चाहे पेशेवर गुंडा हो, कोई आम आदमी हो जिसके द्वारा किसी विशेष परिस्थिति में अपराध हुआ हो या फिर कोई रसूखदार व्यक्ति हो, क़ानून सबके लिए एक समान है.
बांग्लादेश के संदेश को गंभीरता से लिया जाए
शेख़ हसीना द्वारा प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी’ हाल में सेना के साथ सरकार बनाने की बातचीत करने वाली टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा था.
नजूल विधेयक पर बवाल क्यों?
Nazul Property Bill: प्रदेश सरकार द्वारा विधानसभा में नजूल संपत्ति अधिनियम पेश किया गया. विधानसभा में पास होने के बाद विधान परिषद में इस बिल का भारी विरोध हुआ.
कितनी बार अपने ही संस्थापक बंगबंधु को मारेगा बांग्लादेश?
बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का तख्ता पलटने के साथ ही वहां जमात-ए-इस्लामी और भारत विरोधी ताकतें हिंदुओं और प्राचीन हिंदू मंदिरों पर हमला करने लगी हैं.
क्या केवल कोचिंग सेंटर ही ज़िम्मेदार हैं?
Delhi Coaching Centre Tragedy: जिसे देखो वो कोचिंग सेंटर के संचालकों पर उँगली उठा रहा है। जबकि ऐसे हादसों में केवल उनकी गलती नहीं होती.
लोक सभा अध्यक्ष विवादों में क्यों?
जब तक संसदीय कार्यवाही का टीवी पर प्रसारण नहीं होता था, तब तक देश की जनता को यह पता ही नहीं चलता था कि उनके चुने हुए प्रतिनिधि संसद में कैसा व्यवहार कर रहे हैं?
हाई कोर्ट बेवजह ज़मानत पर रोक न लगाएं
ग़ौरतलब है कि देश भर की जेलों में लगभग 6 लाख क़ैदी बंद हैं। इनमें से बहुत सारे क़ैदी ऐसे हैं जिनका आरोप सिद्ध भी नहीं हुआ है। ऐसे में उन्हें यदि ज़मानत मिल जाती है तो जाँच एजेंसियाँ या सरकारी पक्ष इसके विरोध में खड़ी हो जाती है।
Puja Khedkar Case: IAS भर्ती में कोई भी समझौता देश के हितों को गंभीर रूप से कमजोर कर सकता है
पूजा खेडकर का मामला इस बात की गवाही है कि हमारे देश में फर्जी प्रमाण-पत्र दिखाकर मलाई खाने का खेल खूब चल रहा है, जिसे तुरंत बंद किए जाने की जरूरत है.
मिर्जापुर: हिंसा का सामान्यीकरण
जब हम हिंसा के दृश्यों को लगातार देखते हैं तो उनको हम एक सामान्य घटना मानने लग जाते हैं. ऐसी वेब सीरीज युवाओं में यह भाव भी भरते हैं कि पुलिस हमारी मुट्ठी में है और कुछ नहीं होगा?
सोशल मीडिया पर रील्स का दिखावा पड़ सकता है महंगा
Reels Show off on Social Media: कई बार रील्स बनाने वाले दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं, लेकिन फिर भी इसकी लत उनका पीछा नहीं छोड़ती.