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Dangers of Artificial Intelligence (AI): सोशल मीडिया पर आपने भी ऐसे वीडियो देखे होंगे, जिनमें कोई सेलिब्रेटी उटपटांग या अश्लील हरकतें करते नजर आते हैं. मगर, असलियत में ये वे वीडियो रियल नहीं, बल्कि तकनीक रूप से छेड़छाड़ करके बनाए जाते हैं. हाल में ही साउथ की एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, वो जो करते दिख रही थीं…असल में उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया था. यह डीपफेक वीडियो था, जिसमें शरीर किसी और का चेहरा रश्मिका का लगा हुआ था.
सवाल उठता है कि डीपफेक वीडियो (Deepfake Video) कैसे कोई बना लेता है? तो इसका जवाब है आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस यानी AI का दुरुपयोग. AI तकनीक इंसानों की बुद्धि-कौशल से कहीं आगे जा चुकी है. अब इंटरनेट की दुनिया में ऐसे बहुत-से टूल या सॉफ्टवेयर आ चुके हैं, जिनसे किसी का भी चेहरा या शरीर डिजटली तैयार किया जा सकता है और फिर देखने में एक्सप्रेशन बिल्कुल रीयल लगने लगते हैं.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लेकर कई बड़े नाम हैं जो डीपफेक वीडियो का शिकार हो चुके हैं. भारत में जिस समय हरियाणा के जाट पहलवानों का विरोध-प्रदर्शन चल रहा था तो किसी ने बस में सवार महिला पहलवानों का चेहरा AI तकनीक के जरिए ऐसे एडिट कर दिया, जैसे वो वास्तव में मुस्करा रही थीं. बाद में सोशल मीडिया पर एक और तस्वीर सामने आई तो पता चला कि पहले वाली तस्वीर फेक थी.
इन दिनों इंस्टाग्राम और फेसबुक पर आपको भगवान के अवतारों श्रीराम और श्रीकृष्ण की भी सुंदर-सुंदर तस्वीरें और वीडियो आपको दिख रही होंगी, जो AI टूल से बनाई गई हैं. ऐसे कामों में तो यह सुविधा बेहद अच्छी लगती है, लेकिन बड़ी समस्या इसलिए है कि AI का दुरुपयोग करने वाले भी बहुत लोग हैं. यदि आप खबरें पढ़ते रहे हों तो आप जानते ही होंगे कि अब तक कई महिला सेलिब्रेटीज के अश्लील वीडियो सामने आने का दावा किया जाता रहा है, जबकि उन्होंने ऐसा कुछ किया ही नहीं था. यह Deepfake Video Maker एप्लिकेशन या टूल के जरिए किया जाता है, जो सच को झूठ और झूठ को सच दिखाने की ताकत रखता है.
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AI टूल ऐसा सॉफ्टवेयर एप्लिकेशन है जो विशिष्ट कार्यों को करने और समस्याओं को हल करने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence/AI)
एल्गोरिदम का उपयोग करता है. AI टूल का उपयोग विभिन्न उद्योगों में किया जा सकता है, स्वास्थ्य सेवा और वित्त से लेकर विपणन और शिक्षा तक, कार्यों को स्वचालित करने, डेटा का विश्लेषण करने और कोई निर्णय लेने में सुधार करने के लिए.
AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के दुरुपयोग से निपटने के लिए भारत सरकार ने अमेरिकी सरकार, गूगल और अन्य बड़ी कंपनियों के साथ आपसी सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है. केंद्रीय सूचना और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर का कहना है कि सरकार इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले सभी डिजिटल नागरिक की सुरक्षा और भरोसे को सुनिश्चित करने को लेकर प्रतिबद्ध है. उनका कहना है कि सरकार AI को रेगुलेट करेगी, जिससे डिजिटल सिटीजन को कोई नुकसान ना पहुंचे. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हम इसका ध्यान रखेंगे कि AI का इस्तेमाल अच्छे के लिए हो, ना कि लोगों को नुकसान पहुंचाने के लिए.
— भारत एक्सप्रेस
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