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‘सनातन’ पर बहस क्या पार लगाएगी 2024 में बीजेपी की चुनावी नैय्या?

Sanatan Dharma: दूसरी तरफ, सनातन के मुद्दे पर घिरे तमिलनाडु के सीएम स्टालिन अपने बेटे के बयान पर सफाई देते नजर आए हैं.

Sanatan Dharma

राहुल गांधी, उदयनिधि स्टालिन, पीएम नरेंद्र मोदी

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर 26 दलों ने मिलकर ‘इंडिया अलायंस’ का गठन किया है और वे अब बीजेपी को मात देने की रणनीति बनाने में जुटे हैं. ‘इंडिया अलायंस’ में कांग्रेस के अलावा, राजद, जदयू, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, टीएमसी, एनसीपी, डीएमके जैसे दल शामिल हैं, जिसके बाद माना जा रहा है कि आगामी लोकसभा चुनाव में लड़ाई बहुत दिलचस्प हो सकती है. I.N.D.I.A अलायंस के अस्तित्व में आने के बाद से ही बीजेपी और एनडीए में शामिल उसके सहयोगी दलों की तरफ से बयानबाजी तेज हो गई है. ‘इंडिया अलायंस’ महंगाई, बेरोजगारी, अडानी का मामला, मणिपुर हिंसा और चीन-भारत विवाद जैसे मुद्दों पर सरकार को घेरता रहा है. इस बीच, अब बीजेपी के हाथ ‘सनातन’ का मुद्दा लग गया है जिसके सहारे वह विपक्ष पर पलटवार कर रही है.

सियासी गलियारे में इस बात की चर्चा जोरों पर है कि ‘सनातन धर्म’ का मुद्दा ऐसा है, जो बीजेपी को बैठे-बिठाए मिल गया है और इसके सहारे बीजेपी अपनी चुनावी नैय्या को पार लगाने की पूरी कोशिश कर सकती है. 2017 के यूपी विधानसभा चुनावों की बात करें या गुजरात विधानसभा चुनावों की, या फिर 2019 के लोकसभा चुनाव की… इन तीनों मौकों पर किसी न किसी मुद्दे को हथियार बनाकर बीजेपी ने चुनावी जीत हासिल की.

यूपी-गुजरात में ऐसे पलटी थी बाजी

2017 के यूपी विधानसभा चुनाव की बात करें तो ‘श्मशान बनाम कब्रिस्तान’ के मुद्दे ने बीजेपी के लिए चुनाव बना दिया. तब कोई सर्वे बीजेपी की सरकार बनने के पक्ष में अपना अनुमान नहीं बता रहे थे लेकिन इस मुद्दे ने ऐसा माहौल बनाया कि बीजेपी ने चुनावों में भारी जीत दर्ज की.

गुजरात विधानसभा चुनाव 2017 में भी कुछ ऐसा ही हाल था. कांग्रेस पार्टी राहुल गांधी के नेतृत्व में पूरे दमखम से चुनाव मैदान में उतरी थी और तमाम जानकारों और सर्वे एजेंसियों को लगता था अबकी गुजरात से बीजेपी की विदाई हो जाएगी. लेकिन तब कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने पीएम मोदी को ‘नीच’ आदमी कहकर कांग्रेस के सारे किए-कराए पर पानी फेर दिया. हालांकि तब कांग्रेस ने इस विवाद से किनारा करते हुए अय्यर को पार्टी से निलंबित कर दिया था. लेकिन तब तक इस मुद्दे को उठाकर बीजेपी अपने नुकसान की भरपाई कर चुकी थी.

2019 में एक मुद्दे ने बदल दिया था चुनाव

इसी तरह, 2019 के चुनाव में बीजेपी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया. पुलवामा हमले के बाद बालाकोट एयर स्ट्राइक का पूरे देश ने समर्थन किया और एनडीए ने इन चुनावों में 2014 जैसी बड़ी जीत हासिल की. तब विपक्ष के सारे मुद्दे धरे के धरे रह गए थे. इन मुद्दों ने दिखाया कि कैसे बीजेपी किसी एक मुद्दे को ‘हाईजैक’ कर चुनावी जीत हासिल कर रही है. लगभग उसी अंदाज में बीजेपी ने सारे चुनाव लड़े हैं, भले ही नतीजे उनके पक्ष में रहे या नहीं… लेकिन पार्टी इस रणनीति पर बनी हुई है.

ये भी पढ़ें: ‘घमंडिया’ के बाद अब ‘INDI’… ‘सनातन’ पर घमासान के बीच विपक्ष के खिलाफ पीएम मोदी का नया दांव

बीजेपी को मिल गया ‘मनमाफिक’ मुद्दा

हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म को खत्म करने का बयान देकर बीजेपी को बिना मांगे एक बड़ा मुद्दा दे दिया है, जिसका इस्तेमाल पार्टी अब 2024 के लोकसभा चुनावों में करने की तैयारी में जुट गई है. ‘सनातन’ के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ जैसे दिग्गज नेता इंडिया अलायंस पर जमकर हमले कर रहे हैं. मध्य प्रदेश की धरती से पीएम मोदी ने सनातन धर्म के खिलाफ बयान देने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, “यह ‘INDI’ गठबंधन सनातन धर्म को नष्ट करना चाहते हैं. आज उन्होंने सनातन को निशाना बनाना शुरू कर दिया है, कल वे हम पर हमले बढ़ा देंगे. देश भर के सभी ‘सनातनियों’ और हमारे देश से प्यार करने वाले लोगों को सतर्क रहना होगा. हमें ऐसे लोगों को रोकना होगा.” इसके बाद ये माना जा रहा है कि न केवल लोकसभा चुनावों बल्कि मध्य प्रदेश के विधानसभा चुनावों में भी यह मुद्दा हावी हो सकता है.

दूसरी तरफ, सनातन के मुद्दे पर घिरे तमिलनाडु के सीएम स्टालिन अपने बेटे के बयान पर सफाई देते नजर आए हैं. वहीं कांग्रेस की स्थिति असहज है और वह  इस मुद्दे पर कोई भी बयान देने से बच रही है. लेकिन बीजेपी अब सनातन के मुद्दे पर सोनिया गांधी, राहुल गांधी के साथ-साथ समाजवादी पार्टी से लेकर लालू यादव की चुप्पी पर भी सवाल उठा रही है और अलग-अलग राज्यों में अपने विरोधियों को साधने में जुट गई है.

-भारत एक्सप्रेस



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