Bharat Express

सुबोध जैन




भारत एक्सप्रेस


गैंगस्टर अजय सिंगरोहा उर्फ ‘गोली’ ने बीते मार्च महीने में हरियाणा के मुरथल स्थित गुलशन ढाबे के बाहर शराब कारोबारी सुंदर मलिक की सरेआम हत्या करके सनसनी फैला दी थी.

MCD RP Cell: राजधानी दिल्ली में अवैध पार्किंग के नाम पर लाखों रुपये महीने की उगाही हो रही है. सोशल मीडिया पर पूरे गोरखधंधे की कहानी अक्सर वायरल होती रहती है, मगर दिल्ली नगर निगम के अधिकारी आंख बंद करके बैठे हैं.

शेयर बाजार में सूचीबद्ध एक कंपनी के दो निदेशकों ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी एक अन्य कंपनी को बेचने का करार किया था. आरोप है कि अब दोनों निदेशक इस समझौते का पालन करने में आनाकानी कर रहे हैं.

याचिका में कहा गया है कि विदेशी ट्रेवल कंपनियों के माध्यम से की जाने वाली विदेश यात्रा भारतीय नागरिकों की निजी जानकारी में सेंध लगा सकती है!

उत्तर-पूर्वी दिल्ली जिले में आने वाले घोंडा इलाके में रहने वाला पीड़ित भ्रष्टाचार के मामलों में लिप्त पुलिसवालों की आंख की किरकिरी बना हुआ है. बीते दिनों दिल्ली के विभिन्न थानों में तैनात भ्रष्ट पुलिसवालों को उसी के कारण CBI ने गिरफ्तार किया था.

हाल ही में SEBI Chief Madhabi Puri Buch ने छोटी और मझोली मिड-कैप कंपनियों के वैल्यूएशन पर बयान दिया था, जिसमें कहा गया था कि इसमें नजर आ रही खामियां Bubbles (बुलबुले) की तरह हैं, जो कभी फूट भी फूट सकते हैं.

Supreme Court Vs Ramdev: बाबा रामदेव ने शीर्ष अदालत की फटकार के बावजूद उसके कारण बताओ नोटिस का जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा है. इससे खफा सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई के दौरान व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होने का आदेश दिया है.

मामला दक्षिणी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके के गोगिया फार्म का है. एक दिव्‍यांग मोनिका गोगिया ने बिल्‍डर शैली थापर पर अपनी जमीन कब्‍जाने का आरोप लगाया था. भारत एक्‍सप्रेस न्‍यूज नेटवर्क ने ‘ऑपरेशन बेनकाब’ नाम से इस मामले को प्रमुखता से उठाया था.

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में सब-रजिस्ट्रार और राजस्व अफसरों की मिलीभगत से एक बिल्डर द्वारा एक बुजुर्ग दिव्यांग की संपत्ति को अपने नाम कराने का मामला सामने आया है. दस्तावेजों से दक्षिणी जिले के डीएम एम. चैतन्य प्रसाद की भूमिका भी सवालों के घेरे में है.

राजनीति से लेकर सामाजिक मुद्दों पर अपनी टिप्पणियों के कारण अकसर विवादों में रहने वाले रामदेव इस बार सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर हैं. आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से मोटा मुनाफा कमाने से रोका, तो उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर देश की सबसे बड़ी अदालत को भी चुनौती देने से परहेज नहीं किया.