Bharat Express

उपेन्द्र राय, सीएमडी / एडिटर-इन-चीफ, भारत एक्सप्रेस




भारत एक्सप्रेस


साख के साथ-साथ हिंडनबर्ग रिसर्च अपनी रिपोर्ट जारी करने की टाइमिंग को लेकर भी सवालों के घेरे में है। रिपोर्ट अडाणी समूह की प्रमुख कंपनी अडाणी एंटरप्राइजेज के फॉलो-ऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) से पहले आई है। 

राजनीतिक तौर पर प्रधानमंत्री के विरोध का उन्हें पूरा अधिकार है लेकिन जब वैश्विक स्तर पर प्रधानमंत्री पद पर सवाल उठते हैं तो उसका मतलब देश पर सवाल उठना होता है।

बहरहाल नई पारी में जेपी नड्डा ने मिशन 2024 की शुरुआत कर दी है और गाजीपुर से इसका शंखनाद राजनीतिक रूप से विपक्ष के लिए एक बड़ा संदेश है।

शरीफ पर विश्वास करने की कोई वजह भी नहीं है। पाकिस्तान जब तक सीमा पार से आतंकवाद को नहीं रोकता, तब तक भारत को उससे क्यों बात करनी चाहिए?

सवाल उठता है कि विकास के नाम पर हम जो विध्वंस कर रहे हैं, क्या ये त्रासदी वाकई उसी का परिणाम हैं? अगर ये निर्विवाद सच्चाई है तो विकास की कीमत क्या होनी चाहिए?

जी-20 इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि यह संयुक्त राष्ट्र के सभी पांच स्थायी सदस्यों, G-7 के सभी सदस्यों और सभी BRICS देशों का प्रतिनिधित्व करता है।

पड़ोस में जब इतनी उथल-पुथल मची हो तो भारत भला कैसे निश्चिंत रह सकता है। चीन के साथ जारी संकट के बीच पाकिस्तान में तालिबान का बढ़ता आतंक हमारे लिए दोहरी परेशानी खड़ी कर सकता है।

हमें समझना होगा कि महिला सुरक्षा को लेकर जीरो टॉलरेंस की नीति से कोई भी समझौता होगा, तो निर्भया, कंझावला जैसे मामलों पर रोक नहीं लग सकेगी।

कुछ मुद्दे हैं जो मोदी और बीजेपी को परेशान कर सकते हैं। तमाम प्रयासों के बावजूद बेरोजगारी का उच्चतम स्तर अभी भी केन्द्र सरकार के लिए चुनौती बना हुआ है।

2023 में जो एक चुनौती दिख रही है वो रोजगार के क्षेत्र से आती दिख रही है। हालांकि दुनिया के मुकाबले भारत में बेरोजगारी की स्थिति उतनी भयावह नहीं है लेकिन हालात कोई बहुत अच्छे भी नहीं हैं।