प्रतीकात्मक फोटो.
योग्य संस्थागत प्लेसमेंट (QIP) मार्ग के माध्यम से कैलेंडर वर्ष 2024 (CY24) में फंड रेजिंग 1 लाख करोड़ रुपये (1 ट्रिलियन) का आंकड़ा पार कर गया है, जो इस माध्यम से इतिहास में अब तक जुटाई गई सबसे अधिक राशि है. CY24 में अब तक 80 कंपनियों ने रिकॉर्ड 1.13 ट्रिलियन रुपये जुटाए हैं, जो कि CY23 की इसी अवधि की तुलना में तीन गुना (3x) अधिक है, जहां 35 कंपनियों ने 38,220 करोड़ रुपये जुटाए थे. इससे पहले CY20 में 25 कंपनियों ने QIP के माध्यम से 80,816 करोड़ रुपये जुटाए थे, जो सर्वाधिक था.
2024 सेकेंडरी मार्केट के लिए अच्छा रहा
डेटा के अनुसार, यदि रियल एस्टेट डेवलपर गोदरेज प्रॉपर्टीज और केबल और वायर फर्म KEI इंडस्ट्रीज के मौजूदा/खुले QIP (यदि वे सफलतापूर्वक आगे बढ़ते हैं) पर विचार करें, जो कुल 8,000 करोड़ रुपये हैं, तो CY24 में QIP मार्ग के माध्यम से जुटाई गई कुल राशि 1.21 ट्रिलियन रुपये के स्तर को छू लेगी.
स्वतंत्र बाजार विश्लेषक अंबरीश बालिगा ने बताया, “वर्ष 2024 सेकेंडरी मार्केट के लिए अच्छा रहा और प्रमोटरों के लिए पर्याप्त लिक्विडिटी (Liquidity) के बीच धन जुटाने का एक शानदार साल रहा. बहुत से प्रमोटरों ने सेकेंडरी मार्केट में उछाल का अपने फायदे के लिए इस्तेमाल किया और भविष्य के उपयोग के लिए धन जुटाया.”
नवंबर की शुरुआत में, वॉकहार्ट, वरुण बेवरेजेस और जोमैटो ने भी 17,000 करोड़ रुपये जुटाए, जिससे चालू महीने में अब तक जुटाई गई कुल राशि 25,000 करोड़ रुपये (गोदरेज प्रॉपर्टीज और केईआई इंडस्ट्रीज के क्यूआईपी सहित) हो गई, जो किसी एक महीने में जुटाई गई दूसरी सबसे बड़ी राशि है.
डेटा के अनुसार, अक्टूबर 2024 तक 77 कंपनियों ने QIP रूट के ज़रिए 96,321 करोड़ रुपये जुटाए थे. इससे पहले अगस्त 2020 में कुल छह कंपनियों ने 39,032 करोड़ रुपये जुटाए थे – जो कि किसी एक महीने में QIP के जरिए जुटाई गई सबसे ज्यादा रकम है.
फंड का उपयोग
साल 2024 में QIP रूट के जरिए फंड जुटाने वाली अधिकतर कंपनियां इस रकम का इस्तेमाल मुख्य रूप से पुनर्भुगतान या प्री-पेमेंट के लिए करना चाहती हैं, जिससे उनकी बैलेंस-शीट मजबूत हो और वे विकास के अवसरों का फायदा उठा सकें.
इसके अलावा, ये कंपनियाँ जुटाई गई रकम का इस्तेमाल पूंजीगत व्यय और सामान्य कॉर्पोरेट उद्देश्यों के लिए भी करने की योजना बना रही हैं.
इक्वेंटिस वेल्थ एडवाइजरी सर्विसेज (Equentis Wealth Advisory Services) के संस्थापक और प्रबंध निदेशक मनीष गोयल ने कहा, “अक्सर बुलिश मार्केट (Bullish Market) के उत्पाद के रूप में देखे जाने वाले QIP तब फलते-फूलते हैं जब वैल्यूएशन ज्यादा होता है और बाजार ऊपर की ओर बढ़ते हैं. क्योंकि यह व्यवसायों के लिए कम से कम कमजोरी के साथ Equity जुटाने का सुनहरा अवसर प्रस्तुत करता है.”
अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने 8,373 करोड़ जुटाए
इस बीच अडानी एनर्जी सॉल्यूशंस ने अगस्त में QIP के माध्यम से 8,373 करोड़ रुपये जुटाए हैं, जो भारतीय बिजली क्षेत्र में सबसे बड़ा फंडरेज है. अडानी समूह की प्रमुख कंपनी, अडानी एंटरप्राइजेज ने भी अक्टूबर में QIP के माध्यम से 4,200 करोड़ रुपये जुटाए थे.
-भारत एक्सप्रेस
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