प्रतीकात्मक चित्र
Goldman Sachs की रिपोर्ट के अनुसार, भारत सरकार की उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (PLI) योजनाओं से अगले 5-6 वर्षों में 720 से अधिक कंपनियों द्वारा अतिरिक्त $459 बिलियन की आय उत्पन्न होने की संभावना है. इन योजनाओं का उद्देश्य विनिर्माण क्षमता को बढ़ाना, आयात पर निर्भरता कम करना, निर्यात को बढ़ावा देना और विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार सृजन करना है.
रिपोर्ट में Energy Transition Sector पर विशेष ध्यान दिया गया है, जहां एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरियों से $24.7 बिलियन की आय उत्पन्न होने की संभावना है. इस क्षेत्र को $2.3 बिलियन का प्रोत्साहन मिलेगा. ऑटोमोबाइल और ऑटो घटकों में 95 परियोजनाओं ने पहले ही $1.3 बिलियन की अतिरिक्त बिक्री हासिल की है, जबकि $3.2 बिलियन का प्रोत्साहन प्राप्त हुआ है.
सौर ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन
PV मॉड्यूल परियोजनाओं से $64.6 बिलियन की आय की उम्मीद है, जिसमें $3 बिलियन का प्रोत्साहन होगा. वहीं, हाइड्रोजन परियोजनाओं में 34 परियोजनाओं से $2.2 बिलियन का प्रोत्साहन प्राप्त होगा.
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण में 32 परियोजनाओं से $130.1 बिलियन की आय की संभावना है. वहीं, आईटी हार्डवेयर क्षेत्र में $24.8 बिलियन की आय की उम्मीद जताई गई है, जो $2.1 बिलियन के प्रोत्साहन से संचालित होगी.
उत्पाद क्षेत्रों में निर्यात-रोजगार सृजन
फार्मास्युटिकल क्षेत्र $24.9 बिलियन की आय उत्पन्न करने की संभावना है, जिसमें $1.9 बिलियन का प्रोत्साहन होगा. वहीं, वस्त्र और खाद्य उत्पाद क्षेत्रों में भी प्रोत्साहन और आय में वृद्धि हो रही है.
PLI योजना का प्रभाव और विकास
हालांकि रिपोर्ट ने बताया कि PLI योजनाओं में विकास असमान है, लेकिन सरकार ने इन योजनाओं के प्रभाव को सुधारने के लिए संशोधन किए हैं. उत्पादन 2025 तक तेज़ी से बढ़ने की उम्मीद है, जिससे प्रोत्साहन का वितरण भी बढ़ेगा.
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