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Osamu Suzuki Death: सुजुकी के पूर्व चेयरमैन ओसामु नहीं रहे, 94 साल की आयु में निधन; भारत आकर कंपनी को ग्लोबल ब्रांड बनाया

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी (Osamu Suzuki) का 94 वर्ष की आयु में निधन हो गया. वो ऐसे शख्स थे, जिन्होंने शादी के बाद अपनी पत्नी के नाम को अपना सरनेम बनाया, Suzuki कंपनी को ग्लोबल ब्रांड बनाया.

Osamu Suzuki Death

सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी (Osamu Suzuki)

वर्ल्ड फेमस सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन के पूर्व चेयरमैन ओसामु सुजुकी का निधन हो गया है. उनकी आयु 94 वर्ष थी. कंपनी ने उनके निधन की पुष्टि कर दी है. बताया जाता है कि उनकी मृत्यु लिम्फोमा (एक प्रकार का कैंसर) के कारण हुई.

ओसामु सुजुकी को कंपनी के वैश्विक विस्तार और उसकी नेटवर्किंग के लिए याद किया जाएगा. ओसामु के नेतृत्व में सुजुकी कंपनी ने दुनिया भर में अपनी उपस्थिति बढ़ाई. सुजुकी ने भारत में भी उनके समय में ही प्रवेश किया था.

पारिवारिक जुड़ाव और कंपनी में योगदान

ओसामु सुजुकी का जन्म 30 जनवरी, 1930 को जापान के गेरो में हुआ था. 1958 में उन्होंने शोको सुजुकी से विवाह किया, जो सुजुकी मोटर के संस्थापक मिचियो सुजुकी की पोती थीं. विवाह के बाद, ओसामु ने अपने नाम में पत्नी का सरनेम जोड़ा और सुजुकी परिवार का हिस्सा बने. शुरुआत में वह एक बैंक कर्मचारी थे, लेकिन फिर उन्होंने सुजुकी मोटर कॉर्पोरेशन में योगदान देना शुरू किया. लगभग 40 वर्षों तक ओसामु ने कंपनी का नेतृत्व किया और इस दौरान दो बार कंपनी के अध्यक्ष बने.

Osamu Suzuki piC

सुजुकी का वैश्विक विस्तार, भारत में एंट्री

ओसामु सुजुकी के नेतृत्व में कंपनी ने दुनिया भर में अपनी उपस्थिति बढ़ाई. उन्होंने जनरल मोटर्स और फॉक्सवैगन जैसे प्रमुख वाहन निर्माताओं के साथ रणनीतिक साझेदारियां की, जिससे सुजुकी ने उत्तरी अमेरिका और यूरोप में अपनी पैठ बनाई. हालांकि, भारत में सुजुकी की एंट्री उनके कार्यकाल का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय था. 1982 में सुजुकी ने मारुति उद्योग के साथ साझेदारी की और 1983 में मारुति 800 कार को लॉन्च किया, जो भारत में कई दशकों तक सबसे ज्यादा बिकने वाली कार रही. आज मारुति सुजुकी भारत की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी बन चुकी है.

ओसामु ​की जिंदगी का आखिरी वर्ष और इस्तीफा

हालांकि, ओसामु सुजुकी का कार्यकाल हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा, 2016 में उन्हें जापान में फ्यूल-इकोनॉमी टेस्टिंग घोटाले के कारण सीईओ के पद से इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद उन्होंने कंपनी में सलाहकार की भूमिका निभाई. ओसामु सुजुकी के योगदान को आज भी याद किया जाता है, और उनके निर्णयों ने सुजुकी को एक वैश्विक ब्रांड बना दिया.

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