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जनवरी-नवंबर 2024 में भारत में वेंचर कैपिटल निवेश बढ़कर 16.77 अरब डॉलर हुआ: रिपोर्ट

जनवरी से नवंबर 2024 के बीच भारत में वेंचर कैपिटल (VC) या उद्यम पूंजी निवेश में जबरदस्त उछाल आया है. इस दौरान 888 सौदों के जरिए कुल $16.77 अरब का निवेश हुआ.

Venture Capital Investments

जनवरी से नवंबर 2024 के बीच भारत में वेंचर कैपिटल (VC) या उद्यम पूंजी निवेश में जबरदस्त उछाल आया है. इस दौरान 888 सौदों के जरिए कुल $16.77 अरब का निवेश हुआ. यह आंकड़ा 2023 की तुलना में निवेश मूल्य में 14.1% और सौदों की संख्या में 21.8% की बढ़ोतरी को दर्शाता है. यह जानकारी इंडिया ब्रांड इक्विटी फाउंडेशन (IBEF) ने दी है. बता दें कि वेंचर कैपिटल (VC) वह प्रक्रिया है जिसमें नई और उभरती हुई कंपनियों यानी स्टार्टअप्स में निवेश किया जाता है.

इन सेक्टर्स में सबसे ज्यादा निवेश

निवेश के मामले में टेक्नोलॉजी सेक्टर सबसे आगे रहा. इस सेक्टर में $6.50 अरब का निवेश हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 52.5% की बढ़ोतरी है. टेक्नोलॉजी के बाद उपभोक्ता उत्पाद (Consumer Discretionary) सेक्टर रहा, जिसमें $2.30 अरब का निवेश हुआ, जो 32.2% की वृद्धि को दर्शाता है. हालांकि, वित्तीय सेक्टर में निवेश मामूली गिरावट के साथ $2.20 अरब रहा.

इस साल के प्रमुख निवेश सौदों में किराना कार्ट टेक्नोलॉजीज (Zepto) को $1.3 अरब और पूलसाइड एआई एसएएस को $500 मिलियन का निवेश शामिल है. विशेषज्ञों का मानना है कि 2025 में यह रफ्तार और तेज होगी. कई कंपनियों के आईपीओ आने और बड़े फंड्स के सक्रिय होने से लेट-स्टेज फंडिंग में इजाफा हो सकता है.

ऊर्जा क्षेत्र में इलेक्ट्रिक वाहन और ग्रीन हाइड्रोजन जैसे नए क्षेत्रों में निवेश के अवसर बढ़ रहे हैं. साथ ही फिनटेक और ई-कॉमर्स जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में भी निवेशकों की रुचि बनी हुई है. रोबोटिक्स, ड्रोन और सेमीकंडक्टर तकनीकों जैसे डीप टेक क्षेत्रों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है. साथ ही, आईपी-आधारित व्यवसायों को भी प्राथमिकता मिल रही है.

अमेरिकी बाजार का असर

नई अमेरिकी सरकार के तहत ग्लोबल कैपिटल फ्लो पर भी असर पड़ सकता है, जो भारतीय स्टार्टअप्स के लिए नए अवसर और चुनौतियां दोनों ला सकता है. भास्कर मजूमदार और सजीत पाई जैसे विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम 2025 में और अधिक मजबूत हो सकता है. हालांकि, अर्थव्यवस्था के “इंडिया1” इंजन पर निर्भरता को लेकर चिंता बनी हुई है, जिसमें करीब 3 करोड़ घर सबसे ज्यादा योगदान देते हैं. फिर भी, बचत के जरिए हो रहे पूंजी प्रवाह से निवेशकों का भरोसा कायम है, और भारत के स्टार्टअप्स के लिए भविष्य उज्ज्वल दिख रहा है.

-भारत एक्सप्रेस



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