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NSE पर बना विश्व रिकॉर्ड, 268 कंपनियों ने IPO के जरिए जुटाए 1.67 लाख करोड़ रुपये

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के जरिए 2024 में 268 कंपनियों ने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के द्वारा 1.67 लाख करोड़ रुपये (19.5 अरब डॉलर) की पूंजी जुटाई है.

IPO

2025 में आईपीओ से गुलजार रहेगा शेयर बाजार.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के जरिए 2024 में 268 कंपनियों ने इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) के द्वारा 1.67 लाख करोड़ रुपये (19.5 अरब डॉलर) की पूंजी जुटाई है. बीते वर्ष में दुनिया के किसी एक स्टॉक एक्सचेंजस के जरिए कंपनियों द्वारा पूंजी जुटाने का यह सबसे बड़ा आंकड़ा है. यह जानकारी एक्सचेंज द्वारा शुक्रवार को दी गई.

पिछले साल आए 268 आईपीओ में से 90 मेनबोर्ड आईपीओ और 178 एसएमई आईपीओ थे. भारतीय शेयर बाजार में किसी एक कैलेंडर वर्ष में आए आईपीओ का यह अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है. यह दिखाता है कि निवेशकों का बाजार पर भरोसा बढ़ रहा है. 90 मेनबोर्ड आईपीओ (आरईआईटीएस, आईएनवीआईटीएस और एफपीओ) में कंपनियों ने 1.59 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं. इसमें से 178 एसएमई आईपीओ में 7,349 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाई गई है.

भारतीय शेयर बाजार की मजूबती को दिखाता है IPO

2024 में हुंडई मोटर इंडिया लिमिटेड (HMIL) का 3.3 अरब डॉलर आईपीओ भारतीय शेयर बाजार और दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आईपीओ था. एनएसई के चीफ बिजनेस डेपलपमेंट ऑफिसर (CBDO), श्रीराम कृष्णन ने कहा कि 2024 में आए रिकॉर्ड आईपीओ भारतीय शेयर बाजार की मजूबती को दिखाता है. सभी सेक्टरों की कंपनियों ने अपनी ग्रोथ के लिए पूंजीगत बाजारों के महत्व को समझा है.

आगे कहा कि डेटा बताता है कि 2024 में आईपीओ की संख्या के मामले एशिया में एनएसई, जापानी स्टॉक एक्सचेंजों, हांगकांग स्टॉक एक्सचेंज और चीन के शंघाई स्टॉक एक्सचेंज से भी आगे रहा है. पिछले साल चीन के शंघाई स्टॉक एक्सचेंज पर 101 आईपीओ, जापान और हांगकांग के स्टॉक एक्सचेंज पर क्रमश: 93 और 66 आईपीओ आए थे.

लगातार बढ़ रही है IPO की संख्या

कंपनियों द्वारा 2024 में न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज (NYSE) के माध्यम से 15.9 अरब डॉलर और शंघाई स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से 8.8 अरब डॉलर की पूंजी जुटाई गई थी. 2024 में वैश्विक स्तर पर 1,145 आईपीओ आए थे. एक साल पहले इनकी संख्या 1,271 थी.

NSE के अनुसार, दिसंबर तक पंजीकृत निवेशकों की कुल संख्या 21 करोड़ से अधिक थी. एनएसई के डेटा के मुताबिक, वर्तमान में सभी राज्यों में महाराष्ट्र में सबसे अधिक 3.7 करोड़ से अधिक खाते हैं. इसके बाद उत्तर प्रदेश में 2.28 करोड़, गुजरात में 1.87 करोड़ और राजस्थान एवं पश्चिम बंगाल प्रत्येक में 1.2 करोड़ से अधिक खाते हैं.

-भारत एक्सप्रेस



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