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वक्फ बोर्ड के नाम पर चल रहे गंदे खेल का भंडाफोड़, पुलिस ने 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार, जानें क्या है पूरा मामला?

आरोप है कि वर्ष 2009 में इन आरोपियों ने उक्त भवन को ध्वस्त कर दिया और उस स्थान पर मौजूद दुकानों में से एक में सलीम खान नामक आरोपी ने सौदागर कंस्ट्रक्शन के नाम से अपना कार्यालय खोल लिया.

Waqf Board

पुलिस ने पांच आरोपियों को किया गिरफ्तार.

Ahmedabad : अहमदाबाद पुलिस ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए पांच ऐसे व्यक्तियों को गिरफ्तार किया है, जो खुद को वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्ति का ट्रस्टी बताकर जमालपुर इलाके की कई महत्वपूर्ण धार्मिक और ट्रस्ट से जुड़ी संपत्तियों से अवैध रूप से लाखों रुपये का किराया वसूल रहे थे. पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) भरत राठौर ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि आरोपियों के खिलाफ गायकवाड हवेली पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है.

Waqf Board की संपत्ति का ट्रस्टी बताकर वसूली

पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने खुद को कांच नी मस्जिद (ग्लास मस्जिद) और शाह बड़ा कसम ट्रस्ट की संपत्तियों का ट्रस्टी बताकर आम लोगों और दुकानदारों से किराया वसूला, जबकि वक्फ बोर्ड की ओर से उन्हें कभी ट्रस्टी नियुक्त ही नहीं किया गया था. जांच में सामने आया कि वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) को एक स्कूल के निर्माण हेतु जमीन सौंपी थी, लेकिन 2001 में आए विनाशकारी भूकंप के बाद उस संरचना को क्षतिग्रस्त घोषित कर दिया गया.

आरोप है कि वर्ष 2009 में इन आरोपियों ने उक्त भवन को ध्वस्त कर दिया और उस स्थान पर मौजूद दुकानों में से एक में सलीम खान नामक आरोपी ने सौदागर कंस्ट्रक्शन के नाम से अपना कार्यालय खोल लिया. बाकी नौ दुकानों को किराए पर चढ़ा दिया गया.

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पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि वसूला गया किराया न तो वक्फ ट्रस्ट के खाते में जमा किया गया और न ही नगर निगम को इसकी कोई जानकारी दी गई. यह सम्पूर्ण लेनदेन अवैध रूप से निजी लाभ के लिए किया गया था.

पुलिस मामले की जांच में जुटी

सलीम खान पठान भाई, महबूब खान और अन्य आरोपियों पर यह भी आरोप है कि उन्होंने लगभग 15 आवासीय संपत्तियों से भी गैरकानूनी रूप से किराया वसूला. इन सभी आरोपियों में से कोई भी वैध ट्रस्टी नहीं है और न ही उनके पास ऐसा कोई वैधानिक दस्तावेज है, जो वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ट्रस्ट की संपत्तियों पर उनके अधिकार को सिद्ध करता हो. डीसीपी भरत राठौर ने बताया कि इस गंभीर अनियमितता और धोखाधड़ी के आधार पर आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है और मामले की गहन जांच की जा रही है.

-भारत एक्सप्रेस



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