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Bharat Express Mega Conclave Exclusive: इंदिरा गांधी के सत्ता में आने के बाद उग्रता की राजनीति शुरू हुई- केसी त्यागी

भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क की लांचिंग के 2 साल पूरे हो चुके हैं. चैनल लांचिंग की दूसरी वर्षगांठ मना रहा है. इसलिए आज भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क ने नई दिल्ली में मेगा कॉन्क्लेव का आयोजित किया है. इसमें तमाम दिग्गजों ने शिरकत की. मेगा कॉन्क्लेव में जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी और वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण पहुंचे.

Kc Tyagi

Bharat Express Delhi Mega Conclave Exclusive: भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क की लांचिंग के 2 साल पूरे हो चुके हैं. चैनल लांचिंग की दूसरी वर्षगांठ मना रहा है. इसलिए आज भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क ने नई दिल्ली में मेगा कॉन्क्लेव का आयोजित किया है. इसमें तमाम दिग्गजों ने शिरकत की. मेगा कॉन्क्लेव में जदयू के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी और वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण पहुंचे. इस दौरान भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी उपेंद्र राय ने उनका स्वागत किया. सीएमडी उपेंद्र राय के सवालों का उन्होंने बड़ी बेबाकी से जवाब दिया.

पहले राजनीति में असहमति रखते थे ईर्ष्या नहीं: केसी त्यागी

भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के सीएमडी एवं एडिटर इन चीफ उपेन्द्र राय ने जदयू नेता केसी त्यागी से पूछा की पहले की राजनीति आज कितनी बदल गई?

उनके सवाल का जदयू नेता केसी त्यागी ने जवाब देते हुए कहा, “पहले का दौर था, जब हम राजनीतिक तौर पर आपस से असहमति रखते थे, लेकिन ईर्ष्या विद्वेष नहीं रखते थे. बदले की भावना नहीं रखते थे.”

अटल बिहारी वाजपेई जैसा सहज मृदु भाषी नेता कोई नहीं

उन्होंने कहा कि साल 1971 में इंदिरा गांधी के वापस सत्ता में आने के बाद उग्रता की राजनीति शुरू हुई, जो निरंतर बढ़ती जा रही है. वहीं, मनमोहन सिंह का कार्यकाल ऐसा कार्यकाल है, निश्चित तौर पर इतना सशक्त प्रधानमंत्री कोई दूसरा नहीं था. मेरी बात को आप गलत ना समझें. मनमोहन सिंह जैसा पीएम कोई नहीं हुआ. वहीं, 50 साल में अटल बिहारी वाजपेई जैसा सहज मृदु भाषी और मिलजुल कर काम करने वाला ‘फॉरगिव एंड फॉरगेट’ का सिद्धांत मानने वाला कोई दूसरा प्रधानमंत्री नहीं हुआ.

जदयू नेता केसी त्यागी में भारत एक्सप्रेस के मेगा कॉन्क्लेव में कहा, गांधी जी ने फ्रीडम मूवमेंट के दौरान कहा था कि अगर एक दिन के लिए मुझे तानाशाह बनाया जाए तो, मैं हिंदी को देश की कामकाज की राजभाषा बना दूंगा. भारत से अंग्रेज गए तो, हमारी निगाह बंदरगाह की तरफ रहती थी. देखते रहते थे कि गेहूं आएगा कि नहीं आएगा, शक्कर आएगी कि नहीं आएगी? बंदरगाह पर निगाह लगी रहती थी कि पानी का जहाज आएगा, तो खाने को मिलेगा. अगर समुद्री जहाज को आने में दो-तीन दिन लेट हो जाता था, तो देश में भुखमरी की स्थिति पैदा हो जाती थी. मुझे प्रसन्नता और गर्व है… कि आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा गेहूं का उत्पादक देश है.

आज सवाल पूछने पर एफआईआर हो जाती है: वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण

भारत एक्सप्रेस न्यूज़ नेटवर्क के मेगा कॉन्क्लेव में वरिष्ठ पत्रकार विनीत नारायण ने कहा कि प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने मुझे गृहमंत्री का पद ऑफर किया था, उन्होंने कहा था कि तुम शपथ लो, कल मैं राज्यसभा सदस्य के लिए नामित करूंगा. हवाला कांड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि हवाला कांड में सभी राष्ट्रीय दल के नेता दोषी पाए गए थे. तब खूब सवाल किए गए. आज तो सवाल पूछने पर एफआईआर हो जाती है. मैंने अपनी किताब में चार प्रधानमंत्रियों के खिलाफ टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ता रहूंगा. जो समाज की क्षति करेगा, उससे मैं लड़ूंगा.

-भारत एक्सप्रेस



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