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Defence Manufacturing: देश के रक्षा क्षेत्र में आ रही आत्मनिर्भरता, 2029 तक ₹3 लाख करोड़ के उत्पादन का लक्ष्य

Defence Manufacturing In India: भारत ने रक्षा उत्पादन में ₹3 लाख करोड़ का लक्ष्य रखा है, आत्मनिर्भरता और वैश्विक रक्षा निर्यातक बनने की दिशा में यह बड़ा कदम है.

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Vijay Ram Edited by Vijay Ram

Military Exports: भारत के रक्षा क्षेत्र में एक नया युग शुरू हो चुका है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने Defence Conclave-2025 में घोषणा की कि देश इस वर्ष ₹1.60 लाख करोड़ के रक्षा उत्पादन को पार कर जाएगा और 2029 तक इसका लक्ष्य ₹3 लाख करोड़ तक पहुंचने का है. यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं बल्कि भारत को रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.

राजनाथ सिंह ने ‘फोर्स ऑफ द फ्यूचर’ थीम पर आयोजित Defence Conclave में कहा, “हमारा उद्देश्य केवल आधुनिक सैन्य उपकरण बनाना नहीं है, बल्कि भारत को एक वैश्विक रक्षा निर्यातक के रूप में स्थापित करना है.” उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य रक्षा निर्यात को भी ₹50,000 करोड़ तक पहुंचाना है.

Rajnath Singh

75% खरीद घरेलू उद्योग के लिए रिजर्व

सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में ऐतिहासिक आयुध निर्माणियों का निगमीकरण (कॉरपोरेटाइजेशन) और रक्षा खरीद का 75% हिस्सा घरेलू कंपनियों के लिए आरक्षित करना शामिल है. यह कदम भारतीय रक्षा उद्योग को स्थायी और प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव लाएगा.

भारत की ‘शक्ति नहीं, शांति की नीति’

राजनाथ सिंह ने यह स्पष्ट किया कि भारत की सैन्य ताकत किसी को डराने या उकसाने के लिए नहीं है, बल्कि यह एक विश्वसनीय प्रतिरोध (credible deterrent) है. “हमारी नीति शक्ति के माध्यम से शांति बनाए रखने की है,” उन्होंने कहा.

‘सबसे सशक्त सैन्य शक्तियों में होंगे हम’

अंत में रक्षा मंत्री ने कहा, “वह दिन दूर नहीं जब भारत विकसित राष्ट्र तो बनेगा ही, साथ ही विश्व की सबसे सशक्त सैन्य शक्तियों में भी अग्रणी होगा.”

यह रक्षा नीति केवल आज की नहीं, बल्कि भविष्य की भारत की संप्रभुता और आत्मनिर्भरता को सुरक्षित रखने की दिशा में एक बड़ा कदम है.

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