

नई दिल्ली, 18 अप्रैल 2025 — दिल्ली हाईकोर्ट ने यमुना से सटे रोड पर हो रहे अवैध अतिक्रमण को लेकर दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम (MCD) को सख्त निर्देश जारी किए हैं. न्यायमूर्ति सचिन दत्ता की एकल पीठ ने संबंधित अधिकारियों को आठ सप्ताह के भीतर उचित कार्रवाई करने और याचिकाकर्ता की शिकायतों का समाधान सुनिश्चित करने को कहा है.
युवा समिति की याचिका पर लिया संज्ञान
यह आदेश “सोसायटी युवा समिति” द्वारा दायर याचिका पर दिया गया, जिसमें कहा गया था कि वजीराबाद से हिरनकी तक फैली यमुना पुस्ता रोड पर अवैध खाद्य स्टॉल, पार्किंग, सड़क किनारे गोदाम और अतिक्रमण ने यातायात को बाधित कर दिया है. इसके चलते क्षेत्र में ट्रैफिक जाम, प्रदूषण और सुरक्षा संबंधी खतरे लगातार बढ़ रहे हैं.
अंधेरे में डूबी सड़कें, बढ़ा अपराध का खतरा
याचिका में यह भी बताया गया कि सड़क किनारे पेड़ और झाड़ियां अवरोध बन गई हैं, वहीं स्ट्रीट लाइटें खराब हैं, जिससे रात के समय पूरी सड़क अंधेरे में डूबी रहती है. इस वजह से मोड़ों पर चोरी, चेन स्नैचिंग और छेड़छाड़ जैसी अपराध की घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है.
स्वच्छता और आवारा जानवरों की समस्या
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि पूरे मार्ग पर डस्टबिन खुले में पड़े रहते हैं, जिससे गंदगी फैल रही है और कुत्ते, सुअर, गाय, भैंसे जैसे आवारा जानवर आकर्षित हो रहे हैं. यह नागरिकों की सेहत और सुरक्षा दोनों के लिए बड़ा खतरा है.
सुनवाई पूरी, समाधान नहीं हुआ तो फिर सुनवाई
न्यायमूर्ति दत्ता ने कहा कि अदालत ने याचिका का निपटारा करते हुए फिलहाल इसके गुण-दोष पर विचार नहीं किया है. लेकिन यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ, तो याचिकाकर्ता को फिर से अदालत आने की छूट दी गई है.
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