उपेंद्र कुशवाहा के सामने चुनौती बने पवन सिंह.
Bihar karakat Seat Pawan Singh VS Upendra Kushwaha: लोकसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान में 1 सप्ताह से भी कम का समय बचा है. 19 अप्रैल को देश की 102 सीटों पर वोट डाले जाएंगे. जैसे-जैसे मतदान की तारीखें नजदीक आ रही है सभी राजनीति दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं. इस बीच बिहार की कराकाट सीट पर भी बेहद ही रोचक मुकाबला होने जा रहा है. इस सीट से जेडीयू के पूर्व नेता उपेंद्र कुश्वाहा चुनावी मैदान में हैं. वे एनडीए के उम्मीदवार हैं. वहीं इस सीट पर उतरे भोजपुरी स्टार पवन सिंह ने भी निर्दलीय चुनाव का फैसला किया है.
जानकारी के अनुसार भाजपा के कहने पर ही कराकाट से पवन सिंह ने निर्दलीय पर्चा भरा हैं. यह दावा वीआईपी पार्टी की नेता सीमा कुशवाहा ने किया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी पवन सिंह को मोहरा बनाकर उपेंद्र कुशवाहा को हराना चाहती है. उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि पवन सिंह अपने गृह जिले आरा से चुनाव क्यों नहीं लड़ रहे हैं?
आरा से टिकट चाहते थे पवन सिंह
बता दें कि भाजपा ने पवन सिंह को बंगाल की आसनसोल सीट से प्रत्याशी बनाया था. टिकट मिलने के बाद वे जिम में खुशी से उछल पड़े थे. हालांकि उसके अगले दिन ही उन्होंने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलकर चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया. ऐसे में अब उनके कराकाट से चुनाव लड़ने को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं. क्योंकि जब उन्होंने आसनसोल से लड़ने से मना किया तो सामने आया कि वे पार्टी से आरा सीट से टिकट मांग रहे थे.
राजपूत वोटों के सहारे जीत सकते हैं पवन सिंह
जानकारी के अनुसार कराकाट से एनडीए ने उपेंद्र कुशवाहा को महागठबंधन ने सीपीआई माले से राजाराम कुशवाहा को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में कोइरी समुदाय के दो नेताओं के बीच राजपूत जाति से आने वाले पवन सिंह के मैदान में होने से मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. ऐसे में पवन सिंह के उतरने से राजपूत वोटर्स के अलावा युवा वोटर्स भी उनकी तरफ जा सकते हैं.
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