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उत्तर प्रदेश: दुर्वासा ऋषि की धरा पर ब्लैक पॉटरी को मिली पहचान, दिलचस्प रहा है लालगंज का सियासी इतिहास

उत्तर प्रदेश आजमगढ़ जिले में आने वाला लालगंज लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया. समाजवादी पार्टी के गठन से 30 साल पहले इस सीट पर हुए पहले चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की थी.

Lok Sabha Election 2024 UP Lalganj Seat Analysis

लालगंज पर सीट किसके हाथ लगेगी बाजी?

Lok Sabha Election 2024: उत्सवों और पर्वों के देश में लोकतांत्रिक महापर्व की तारीखें नजदीक आते ही सियासी सरगर्मियां बढ़ने लगी हैं. यूं तो देश के 543 लोकसभा क्षेत्रों में जनता देश के सबसे बड़ी पंचायत के लिए अपना प्रतिनिधि चुनेगी जो देश की संसद में अपने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेंगे और क्षेत्र की बेहतरी के लिए काम करने की शपथ लेंगे. लेकिन, उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में दुर्वासा ऋषि के धाम और ब्लैक पॉटरी के काम के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र के संसदीय निर्वाचन क्षेत्र का नाम लालगंज है.

आजमगढ़ जिले में दो संसदीय क्षेत्र हैं जिन्हें आजमगढ़ और लालगंज संसदीय क्षेत्र के तौर पर जाना जाता है. महापंडित राहुल सांकृत्यायन का जन्म भी इसी आजमगढ जिले में हुआ था और पूर्वांचल के गांधी कहे जाने वाले समाजवादी नेता बाबू विश्राम राय का गॉव भी लालगंज लोकसभा क्षेत्र में ही आता है.

लालगंज लोकसभा क्षेत्र 1962 में अस्तित्व में आया. समाजवादी पार्टी के गठन से 30 साल पहले 1962 के लालगंज लोकसभा क्षेत्र के पहले चुनाव में ही प्रजा सोशलिस्ट पार्टी ने यहां से जीत दर्ज की थी. 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले तक लालगंज लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत ही मऊ जनपद की मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा भी हुआ करती थी लेकिन परिसीमन में मुहम्मदाबाद गोहना विधानसभा घोसी लोकसभा क्षेत्र में चली आई और वर्तमान समय में लालगंज संसदीय क्षेत्र के अन्तर्गत अतरौलिया, निजामाबाद, फूलपुर पवई, दीदारगंज और लालगंज विधानसभा क्षेत्र आते हैं. लालगंज लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है. वहीं लालगंज लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत की लालगंज विधानसभा क्षेत्र भी अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व है.

बस एक बार खिला है कमल

2022 के विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी को लालगंज संसदीय क्षेत्र के विधानसभा क्षेत्रों में एकतरफा जीत मिली थी और सपा लालगंज लोकसभा क्षेत्र के सभी 5 विधानसभाओं में विजयी हुई थी. लालगंज लोकसभा क्षेत्र से सबसे अधिक बार जनता दल और बसपा को चार – चार बार जीत मिली है, वहीं कांग्रेस को 3 बार तो समाजवादी पार्टी को 2 बार एवं सोशलिस्ट पार्टी तथा भारतीय जनता पार्टी को एक – एक बार जीत मिली है.

लालगंज लोकसभा का जातिगत समीकरण

दलित 2.70 लाख, यादव 2.50 लाख, मुस्लिम 2.14 लाख, भूमिहार 1.30 लाख, राजभर 1.10 लाख, राजपूत 93 हजार, ब्राह्मण 62 हजार, बनिया 40 हजार, चौहान 24 हजार, मल्लाह 45 हजार, पासवान 47 हजार, कुर्मी 13 हजार, सोनकर 13 हजार एवं अन्य मतदाता हैं.

2019 और 2022 के चुनावी नतीजे

2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा सपा गठबंधन को 518820 भाजपा को 357223 कांग्रेस को 17630 एवं सुभासपा को 17927 मत मिले थे वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में लालगंज लोकसभा क्षेत्र के सभी विधानसभाओ में जोड़कर समाजवादी पार्टी को 410602 भाजपा को 305576 एवं बसपा को 250258 मत मिले थे.

लालगंज लोकसभा क्षेत्र से अब तक चुने गए सांसद

प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से विश्राम प्रसाद 1962 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

कांग्रेस से रामधन 1967, 1971 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

जनता दल से रामधन 1977 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

जनता दल से छांगुर राम 1980 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

कांग्रेस से रामधन 1984 में लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

जनता दल से रामधन 1989 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

जनता दल से रामबदन 1991 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

बसपा से डॉ• बलिराम 1996 में लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

समाजवादी पार्टी से दरोगा प्रसाद सरोज 1998 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

बसपा से डॉ• बलिराम 1999 में लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

समाजवादी पार्टी से दरोगा प्रसाद सरोज 2004 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

बसपा से डॉ• बलिराम 2009 में लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुए.

भारतीय जनता पार्टी से नीलम सोनकर 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुईं.

बसपा से संगीता आजाद 2019 में लोकसभा चुनाव में सांसद निर्वाचित हुईं.

प्रमुख मुद्दे

लालगंज आजमगढ़ जिला मुख्यालय से 49 किलोमीटर, वाराणसी से 58 किलोमीटर और जौनपुर से 38 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है लेकिन लालगंज परिक्षेत्र में रेलवे ट्रैक ना होने की वजह से यात्रियों को आवागमन में समस्याओं का सामना करना पड़ता है. लालगंज परिक्षेत्र में रेलवे लाइन की मांग कई दशकों से चली आ रही है.

पूर्वांचल एक्सप्रेस वे बन जाने की वजह से लालगंज लोकसभा क्षेत्र के कुछ क्षेत्र सड़क के किनारे तो आ गये लेकिन उद्योग ना होने की वजह से लोगों का पलायन अभी तक नही रुक पाया है. इसलिए रोजगार और उद्योग लालगंज लोकसभा क्षेत्र के लिए प्रमुख मुद्दा है क्योंकि उद्योग लगाने में सुविधा ना मिलने और रोजगार ना होने की वजह से लालगंज लोकसभा क्षेत्र के लोग मजबूरन महाराष्ट्र, गुजरात और तमिलनाडु में जाकर नौकरी कर रहे हैं तो कुछ अपना खुद का उद्योग चला रहे हैं.

चुनावी मैदान में दिग्गज

भारतीय जनता पार्टी ने पूर्व सांसद नीलम सोनकर को प्रत्याशी बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने पूर्व सांसद दरोगा प्रसाद सरोज और बहुजन समाज पार्टी ने बीएचयू की असिस्टेंट प्रोफेसर इंदु चौधरी को प्रत्याशी बनाया है.

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