पीएम मोदी . (फोटो @BJP4India)
PM Modi Rally In Jamshedpur: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को झारखंड के जमशेदपुर स्थित गोपाल मैदान में जनसभा को संबोधित करते हुए राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के अभियान का शंखनाद कर दिया. इस दौरान पीएम मोदी ने झारखंड सरकार और अन्य राजनीतिक दलों पर निशाना साधा. पीएम मोदी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस और राजद (आरजेडी) पर जमकर हमला किया और जनता से राज्य में भाजपा की सरकार बनाने के लिए वोट की अपील की.
झारखंड के तीन बड़े दुश्मन- पीएम
उन्होंने कहा कि झारखंड के तीन सबसे बड़े दुश्मन जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी हैं. इन दुश्मनों को झारखंड के लोग जितनी जल्द पहचानेंगे, उतना जल्द झारखंड का भाग्योदय सुनिश्चित होगा. कांग्रेस को झारखंड से नफरत है. आरजेडी बिहार से झारखंड के अलग होने का बदला चुका रही है और जेएमएम आदिवासियों के जंगल, जमीन पर कब्जा करने वालों के साथ जाकर खड़ा हो गया है. ये लोग स्वार्थ और सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं.
“JMM के लिए सियासी फायदा सबसे ऊपर”
प्रधानमंत्री ने जेएमएम को आदिवासियों का दुश्मन करार देते हुए कहा कि इस सरकार का पांच साल का कार्यकाल इस बात सबूत है कि ये लोग सिर्फ वोट लेने के लिए आदिवासियों के नाम पर राजनीति करते हैं. जेएमएम के लिए आदिवासी समाज का सम्मान नहीं, बल्कि अपना सियासी फायदा सबसे ऊपर है.
चंपई सोरेन को अपमानित किया गया-PM
पीएम मोदी ने सवाल उठाया कि चंपई सोरेन आदिवासी नहीं हैं क्या? लेकिन सीएम की कुर्सी कब्जाने के लिए जिस तरह उन्हें अपमानित किया गया, उससे हर गरीब आदिवासी को गहरी चोट पहुंची है. हर आदिवासी दुख से भरा हुआ है. इसी तरह अपने ही परिवार की महिला सीता सोरेन को जेएमएम ने अपमानित और बेदखल किया. इनके अपमान का बदला झारखंड का हर आदिवासी आने वाले चुनाव में लेगा.
यह भी पढ़ें- Modi Govt 3.0: तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में दी गई 3 लाख करोड़ की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी
प्रधानमंत्री ने झारखंड के संथाल परगना और कोल्हान में बांग्लादेशी घुसपैठ के मुद्दे पर जेएमएम पर तंज कसते हुए कहा कि ये लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों और रोहिंग्या के साथ खड़े हैं. आलम यह है कि घुसपैठिए जेएमएम को भी अपने कब्जे में लेते जा रहे हैं. इनके लोग झामुमो के भीतर भी घुस गए हैं. जेएमएम में कांग्रेस का भूत घुस गया है. जब किसी पार्टी में कांग्रेस का भूत घुस जाता है तो तुष्टिकरण ही उसका एकलौता एजेंडा बन जाता है. इसके लिए ये सबसे पहले दलितों, आदिवासियों और पिछड़ों के हितों की बलि चढ़ाते हैं.
-भारत एक्सप्रेस