

बिहार के मरहौरा स्थित रेलवे लोकोमोटिव कारखाने से अफ्रीकी देश गिनी को अगले तीन वर्षों में 150 रेल इंजन भेजे जाएंगे. इस सौदे की कुल कीमत 3,000 करोड़ रुपये से अधिक है. चालू वित्त वर्ष में 37 इंजन, अगले वर्ष 82 और तीसरे वर्ष 31 इंजन गिनी को निर्यात किए जाएंगे.
ये सभी इंजन मरहौरा स्थित कारखाने में ही तैयार किए जाएंगे. इस अंतरराष्ट्रीय ऑर्डर को पूरा करने के लिए कारखाना परिसर में ब्रॉड गेज, स्टैंडर्ड गेज और केप गेज की पटरियां बिछाई गई हैं. यह कारखाने को अंतरराष्ट्रीय रेल मानकों के अनुकूल बनाता है और भविष्य में वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करता है.
दो इंजनों में 100 से अधिक बोगियों को खींचने की ताकत
रेल मंत्रालय के अनुसार, यह ऑर्डर वैश्विक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत प्राप्त किया गया है. इन इंजनों का उपयोग गिनी की सबसे बड़ी लौह अयस्क परियोजना में किया जाएगा, जिससे वहां के बुनियादी ढांचे को मजबूती मिलेगी और भारत-अफ्रीका के बीच आर्थिक साझेदारी और मजबूत होगी.
इन इंजनों में वातानुकूलित केबिन होंगे और दो इंजन मिलकर 100 बोगियों तक को खींचने की क्षमता रखते हैं. इससे माल ढुलाई तेज़ और कुशल होगी. यह निर्यात सौदा मरहौरा कारखाने को एक वैश्विक लोकोमोटिव निर्यात केंद्र के रूप में स्थापित करेगा. इससे स्थानीय रोजगार, तकनीकी कौशल और उद्योग विकास को भी बढ़ावा मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस
इस तरह की अन्य खबरें पढ़ने के लिए भारत एक्सप्रेस न्यूज़ ऐप डाउनलोड करें.