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1984 सिख विरोधी दंगा मामला: सज्जन कुमार और बलवंत खोखर की सजा निलंबन याचिका पर SC जुलाई में करेगा अंतिम सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सजा के निलंबन करने की मांग वाली सज्जन कुमार और बलवंत खोखर की ओर से दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए जुलाई की तारीख तय की है.

Sajjan Kumar

सज्जन कुमार (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के मामले में सजा के निलंबन करने की मांग वाली सज्जन कुमार और बलवंत खोखर की ओर से दायर याचिका पर अंतिम सुनवाई के लिए जुलाई की तारीख तय की है.

मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड को मुहैया कराने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि हम यह स्पष्ट करते है कि अंतिम सुनवाई संभव नही है. यदि दोषसिद्धि को निलंबित करने की मांग की जाती है तो याचिकाकर्ता इसका उल्लेख करने के लिए स्वतंत्र है.

आजीवन कारावास काट रहा है बलवंत खोखर

पिछली सुनवाई में वकील राकेश दहिया के माध्यम से दायर याचिका में बलवंत खोखर ने सुप्रीम कोर्ट को अवगत कराया गया था कि आवेदक फरलो के आवेदन पर शीघ्रता से विचार करने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बावजूद जेल अधिकारियों ने 26 सितंबर 2025 को ही आवेदन खारिज कर दिया.

बलवंत खोखर ने 17 दिसंबर 2018 के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है. खोखर के साथ सज्जन कुमार को इस मामले में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी ठहराया गया था और वह आजीवन कारावास की सजा काट रहा है और तिहाड़ जेल में बंद है. दिल्ली कैंट मामले में कोर्ट ने दोषी करार दिया था.

पूर्व MLA महेंद्र यादव की कोविड से हुई थी मौत

खोखर ने अपने आवेदन में दावा किया कि वह 66 वर्ष के वरिष्ठ नागरिक है और शारीरिक रूप से विकलांग है, निचले अंग में 54 प्रतिशत स्थायी विकलांगता है और मधुमेह, सीए के साथ उच्च रक्तचाप और डिसलिपिडीमिया जैसी विभिन्न बीमारियों से पीड़ित है. 10 साल की सजा पाने वाले पूर्व विधायक महेंद्र यादव की मंडोली जेल में कोविड से मौत हो गई थी.

सज्जन कुमार और बलवंत खोखर 17 दिसंबर 2018 को दोषी ठहराए जाने के बाद से तिहाड़ जेल में बंद है. खोखर की उम्रकैद की.सजा को दिल्ली हाई कोर्ट ने 2018 में बरकरार रखा था, जबकि 2013 में ट्रायल कोर्ट द्वारा सज्जन कुमार को बरी करने के फैसले को पलट दिया था.


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-भारत एक्सप्रेस



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