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उमर अब्दुल्ला तलाक विवाद: गुजारा भत्ता पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, 15 साल से अलग रहने का दावा

उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील ने कहा कि चुनाव में व्यस्त रहने के कारण अदालत द्वारा तय गुजारा भत्ता देने में देरी हुई है.

Omar Abdullah and Payal Abdullah

उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला (फाइल फोटो)

जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पायल अब्दुल्ला की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील ने कहा कि चुनाव में व्यस्त रहने के कारण अदालत द्वारा तय गुजारा भत्ता देने में देरी हुई है.

कल 15 लाख 75 हजार रुपये का चेक पायल अब्दुल्ला को मिल जाएगा. 4 सप्ताह बाद इस मामले में अगली सुनवाई होगी. उमर अब्दुल्ला ने अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला से तलाक के लिए सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल की है. वही पायल अब्दुल्ला ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर रखी है.

दिल्ली हाई कोर्ट ने बढ़ा दिया था गुजारा भत्ता

पिछली सुनवाई में उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील ने कहा था कि दोनों 15 साल से अलग रह रहे है. हाई कोर्ट ने पायल अब्दुल्ला के गुजारा भत्ता बढ़ा दिया था. कोर्ट ने उमर अब्दुल्ला को पायल को डेढ़ लाख रुपए गुजारा भत्ता और दोनों बेटों को 60 हजार रुपए गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था. जबकि निचली अदालत ने जुलाई 2018 में आदेश दिया था कि उमर अब्दुल्ला अपनी पत्नी पायल अब्दुल्ला को 75 हजार रुपए हर महीने, जबकि दोनों बच्चों को 25 हजार रुपए मासिक गुजारा भत्ता देने को कहा था. जिसे दिल्ली हाई कोर्ट ने बढ़ा दिया था.

मध्यस्थता केंद्र जाने से कोई फायदा नहीं

पिछली सुनवाई में उमर अब्दुल्ला की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि मध्यस्थता केंद्र जाने से कोई फायदा नही होगा. वही पायल अब्दुल्ला की ओर से पेश वकील ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यस्थता केंद्र भेजे जाने का समर्थन किया था. उमर अब्दुल्ला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी. अब्दुल्ला ने अपनी याचिका में कहा था कि वह और उनकी पत्नी पिछले 15 साल से अलग रह रहे है. दोनों ने 1 सितंबर 1994 को शादी कर ली थी, और 2009 से अलग रह रहे है. उनके दो बेटे है.

फैमली कोर्ट का फैसला सही

उमर अब्दुल्ला ने क्रूरता के आधार पर तलाक की मांग की थी. पारिवारिक अदालत ने 30 अगस्त 2016 को याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि वह यह साबित करने में विफल रहे है कि उनकी शादी को अपूरणीय क्षति हुई थी. पारिवारिक अदालत के फैसले के खिलाफ उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. दिल्ली हाई कोर्ट ने लंबी सुनवाई के बाद याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया था कि फैमली कोर्ट का फैसला सही है.

-भारत एक्सप्रेस



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