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2013 बलात्कार मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को 31 मार्च तक दी अंतरिम जमानत

हालांकि, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने स्वयंभू संत आसाराम बापू को अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलने का निर्देश दिया.

आसाराम बापू. (फाइल फोटो: IANS)

Interim Bail to Asaram: सुप्रीम कोर्ट ने 7 जनवरी को 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम बापू को चिकित्सा आधार पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम बापू हृदय रोग के अलावा विभिन्न आयु-संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है. आसाराम वर्तमान में बलात्कार के एक अन्य मामले में जोधपुर जेल में बंद हैं.

हालांकि, जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की पीठ ने स्वयंभू संत आसाराम बापू को अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलने का निर्देश दिया.

मामले की सुनवाई के दौरान आसाराम की ओर से पेश वकील ने कहा कि आसाराम को जोधपुर सेंट्रल जेल से भगत की कोठी में बने आरोग्य चिकित्सा केंद्र में भर्ती किया गया है. जहां उनका इलाज हो रहा है. उन्होंने कहा कि आसाराम दिल के मरीज हैं और उन्हें हार्ट अटैक आ चुका है. आसाराम को जिस मामले में सजा सुनाई गई थी, उसकी एफआईआर साल 2013 में अहमदाबाद के चांदखेड़ा पुलिस थाने में दर्ज करवाई गई थी.

बलात्कार करने का दोषी

जोधपुर की एक अदालत ने अप्रैल 2018 में आसाराम को 2013 में अपने आश्रम में एक लड़की से बलात्कार करने का दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 29 अगस्त 2024 को गुजरात हाईकोर्ट ने निलंबन की मांग करने वाली संत की याचिका को खारिज कर दिया और उसे राहत देने का कोई मामला नहीं पाया. पुलिस ने 6 नवंबर, 2013 को पॉस्को (यौन अपराधों से बच्चों का निवारण) अधिनियम, किशोर न्याय अधिनियम और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत आसाराम और चार अन्य सह-आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था.

क्या है मामला

लड़की ने अपनी शिकायत में कहा था कि आसाराम ने उसे जोधपुर के निकट मणाई इलाके में अपने आश्रम में बुलाया था और 15 अगस्त 2013 की रात को उसके साथ बलात्कार किया. उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर की रहने वाली यह लड़की मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में आसाराम के आश्रम में पढ़ाई कर रही थी. आसुमल सिरुमलानी, जिन्हें उनके अनुयायी आसाराम बापू के नाम से जानते हैं, भारत में एक धार्मिक नेता थे. 1970 के दशक की शुरुआत में उपदेश देना शुरू करने के बाद उन्होंने भारत और विदेशों में 400 से ज्यादा आश्रम स्थापित किए.

-भारत एक्सप्रेस



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