अमित शाह की सीएम योगी से मुलाकात
नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री और सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के साथ एक समीक्षा बैठक की, जिसमें राज्य में तीन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की स्थिति पर चर्चा की गई. इस बैठक में गृह मंत्रालय (MHA) और उत्तर प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों, जिसमें गृह सचिव, पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) के महानिदेशक और राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के महानिदेशक भी मौजूद थे.
बैठक के दौरान, केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाए गए ये तीन नए आपराधिक कानून दंडात्मक नहीं, बल्कि पीड़ितों के हित में केंद्रित हैं. इन कानूनों का उद्देश्य त्वरित न्याय सुनिश्चित करना है. गृह मंत्री ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ से इन नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन की प्रगति की समीक्षा करने का अनुरोध किया और कहा कि इन कानूनों को जल्द से जल्द राज्य में पूरी तरह से लागू किया जाए.
श्री अमित शाह ने जोर देते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में नए आपराधिक कानूनों का पूर्ण कार्यान्वयन पूरे देश में एक सकारात्मक संदेश भेजेगा. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के सभी सात कमिश्नरेटों में 31 मार्च 2025 तक नए आपराधिक कानूनों का 100 प्रतिशत कार्यान्वयन सुनिश्चित किया जाना चाहिए और राज्य के बाकी हिस्सों में इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए.
तकनीकी उपयोग को बढ़ाने की आवश्यकता पर बल देते हुए, गृह मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में एक से अधिक फोरेंसिक मोबाइल वैन उपलब्ध होनी चाहिए. इसके साथ ही, फोरेंसिक टीमों को तीन श्रेणियों – गंभीर, सामान्य और बहुत सामान्य – में बांटने की आवश्यकता है ताकि संसाधनों और विशेषज्ञों का अधिक प्रभावी तरीके से उपयोग किया जा सके और गंभीर मामलों को प्राथमिकता दी जा सके.
श्री अमित शाह ने कहा कि यह नियमित और निरंतर निगरानी होनी चाहिए कि कुल पंजीकृत जीरो एफआईआर में से कितने मामलों को संबंधित राज्यों में ट्रांसफर किया गया है. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को हर 15 दिन में इन नए कानूनों के कार्यान्वयन की समीक्षा करनी चाहिए और मुख्य सचिव तथा पुलिस महानिदेशक को सप्ताह में एक बार संबंधित सभी विभागों के अधिकारियों के साथ इसकी प्रगति की समीक्षा करनी चाहिए.
इस कदम से राज्य में अपराध की रोकथाम और न्याय व्यवस्था को और अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा.
-भारत एक्सप्रेस
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