CBI - सांकेतिक फोटो
Ahmedabad News: सीबीआई अदालत के विशेष न्यायाधीश ने अहमदाबाद में 30 दिसंबर 2024 को पांच आरोपियों को पांच साल की सख्त सजा और 23.5 लाख रुपये के कुल जुर्माने की सजा सुनाई. यह सजा उन आरोपियों को दी गई है, जो आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी और जाली दस्तावेजों का उपयोग कर धोखाधड़ी करने के मामले में दोषी पाए गए थे.
सीबीआई ने इस मामले में 30 जनवरी 2003 को आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था. आरोप था कि आरोपियों ने मिलकर जाली दस्तावेजों के आधार पर न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से बीमा क्लेम स्वीकृत कराया, जिससे कंपनी को 4,89,488 रुपये का नुकसान हुआ.
बीमा क्लेम के लिए जाली दस्तावेज बनाकर रची साजिश
आरोपी दिनेश परशोतमदास पटेल, संजय आर. चितरे, मनन डी. पटेल, शिशुपाल राजपूत और अमरसिंह बिजलभाई थे. इन सभी आरोपियों ने मिलकर बीमा क्लेम के लिए जाली दस्तावेज तैयार किए और उन्हें असली साबित करने के लिए फोटो, वजन की रसीदें, झूठी एफआईआर और पैनचिनामा तैयार किया. इसके अलावा, रिकवरी एजेंट शिशुपाल राजपूत ने बैंक लेन-देन के माध्यम से पूरे लेन-देन को असली साबित करने की कोशिश की.
वर्ष 2005 में दाखिल की गई थी चार्जशीट
सीबीआई द्वारा की गई जांच के बाद, 24 जून 2005 को आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई थी. इस मामले में 25 गवाहों के बयान और 228 दस्तावेजों/सबूतों को आरोपियों के खिलाफ साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया गया था. अदालत ने सुनवाई के बाद आरोपियों को दोषी पाया और उन्हें सजा सुनाई.
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