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Assembly Election Result 2023: पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में से चार की रिजल्ट सामने आ चुका है, जिसमें से तीन राज्यों (मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान) में भाजपा ने जीत हासिल की है तो वहीं तेलंगाना में कांग्रेस का साथ जनता ने दिया है तो वहीं अगर मध्य प्रदेश में सपा की भूमिका को लेकर जिक्र किया जाए तो मध्य प्रदेश की निवाड़ी विधान सभा में भाजपा ने कांग्रेस को 17,157 वोटों से पटखनी दी है. तो सपा को 32,670 वोट हासिल हुए हैं. वहीं चांदला विधान सभा में भाजपा ने कांग्रेस को 15,491 वोटों से पराजित किया है और यहां पर सपा को 24,977 वोट प्राप्त हुए हैं. तो वहीं राजनगर विधान सभा में भाजपा ने कांग्रेस को 5,867 वोटों पटखनी दी है और साइकिल को 6,353 वोट प्राप्त हुए हैं.
इससे ये साफ होता है कि भले ही मध्य प्रदेश में सपा एक भी सीट न जीत सकी हो लेकिन उसने अपनी छाप तो छोड़ी ही है और कांग्रेस को कहीं न कहीं हरा दिया है. तो वहीं अगर जतारा विधानसभा सीट की बात करें तो यहां पर कांग्रेस जितने मतों से भाजपा से हारी है, उससे कही अधिक वोट सपा को हासिल हुए हैं. कुल मिलाकर एक भी सीट मध्य प्रदेश में हासिल न होने के बावजूद अखिलेश के लिए चुनाव परिणाम फिलहाल राहत देने वाले हैं और भविष्य के लिए रोशनी दे रहे हैं.
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ये तो सभी जानते हैं कि मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव के दौरान कांग्रेस और सपा के बीच जमकर विवाद जारी रहा. सीटों को बंटवारे को लेकर अखिलेश ने खुलकर कांग्रेस पर आरोप लगाए. तो दूसरी ओर कांग्रेस यहां पर सत्ता हासिल करने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा दी और सीटों के बंटवारे को लेकर अखिलेश की ओर कोई ध्यान नहीं दिया. कुल मिलाकर अति आत्मविश्वास के कारण कांग्रेस औंधेमुह गिरी और भाजपा ने जीत हासिल की. जानकारों की मानें तो चुनाव प्रचार के दौरान सपा और कांग्रेस नेताओं द्वारा आपस में जो बयानबाजी की गई. इसने भी जनता को गलत संदेश दिया. तो वहीं कांग्रेस ने विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. को भी दरकिनार कर दिया. जबकि सपा मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ना चाहती थी, लेकिन अति आत्मविश्वास से भरी कांग्रेस ने अखिलेश को भाव ही नहीं दिया और नतीजा सबके सामने है.
चुनाव प्रचार के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तो यहां तक कह दिया था …”अरे भाई छोड़ो कौन अखिलेश-वखिलेश.” इसी के साथ सपा को हल्के में लेकर एक भी सीट नहीं दी. इसके बाद अखिलेश ने खुले तौर पर नाराजगी जताई थी. इसके बाद सपा ने यहां 74 प्रत्याशी घोषित कर दिए थे. बाद में कुछ जगह पर्चे निरस्त हुए तो 70 प्रत्याशी मैदान में रह गए थे. तो वहीं अपने प्रत्याशियों का आत्मविश्वास बढ़ाने के लिए अखिलेश ने करीब एक हफ्ते से अधिक समय तक यहां पर चुनाव प्रचार किया था. उनकी पत्नी डिंपल यादव ने भी यहां कई जगह रोड-शो किए. तो वहीं अति उत्साह से भरी कांग्रेस को ये भरोसा था कि वह सरकार बना लेगी और इसके बाद अखिलेश को मना लेगी,लेकिन कांग्रेस के सभी दांव उल्टे पड़ गए.
मध्य प्रदेश में कांग्रेस को हार मिलने के बाद अब यूपी के लिए बड़ा संघर्ष होगा. लोकसभा चुनाव में उसके सामने मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं. क्योंकि तीन राज्यों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद अब विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल पार्टियों के बीच सीट बंटवारे को लेकर वह बहुत प्रभावी मुद्रा में नहीं रह पाएगी. फिलहाल आने वाले चुनाव को लेकर कांग्रेस को यूपी में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.
-भारत एक्सप्रेस
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