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Bangladesh में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार तुरंत होना चाहिए बंद, चिन्मय दास को किया जाए रिहा: RSS

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है. विहिप ने कहा कि विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में ले.

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (दाएं). (फोटो: IANS)

Atrocities against Hindus in Bangladesh: देशद्रोह के आरोप में चिन्मय कृष्ण दास (Chinmoy Krishna Das) की बांग्लादेश में गिरफ्तारी को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने शनिवार (30 नवंबर) को कड़ी आपत्ति जताई है. आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने वक्तव्य जारी करते हुए बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद करने की अपील की है.

संघ द्वारा जारी किये गए वक्तव्य में कहा गया, ‘बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार तत्काल बंद हों. चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त करें. 30 नवंबर 2024 को बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी तथा महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इसकी भर्त्सना करता है.’

बांग्लादेश सरकार बनी मूकदर्शक


आगे कहा गया, ‘वर्तमान की बांग्लादेश सरकार तथा अन्य एजेंसियां इसे रोकने की जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई है. विवशतावश बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा स्वरक्षण हेतु लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने के लिए उन्हीं पर अन्याय और अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है. ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिन्दुओं का नेतृत्व कर रहे संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है.’

भारत सरकार से अपील

आरएसएस की ओर से कहा गया, ‘राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भारत सरकार से भी यह आह्वान करता है कि वह बांग्लादेश में हिंदुओं तथा अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को हरसंभव जारी रखे तथा इसके समर्थन में वैश्विक अभिमत बनाने हेतु यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाएं. इस महत्वपूर्ण समय में भारत तथा वैश्विक समुदाय एवं संस्थाओं को बांग्लादेश के पीड़ितों के साथ खड़े होकर अपना समर्थन प्रकट करना चाहिए तथा अपनी-अपनी सरकारों से इस हेतु हरसंभव प्रयासों की मांग करना विश्व शांति एवं भाईचारे हेतु आवश्यक है.’

विहिप ने क्या कहा


वहीं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा चिन्मय कृष्ण की गिरफ्तारी को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है. विहिप का मानना है कि विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में ले और बांग्लादेश के प्रशासन पर हिंदुओं के उत्पीड़न को रोकने का दबाव बनाए. विहिप ने कहा कि हम चिन्मय कृष्ण दास की रिहाई की मांग करते हैं और बांग्लादेश सरकार से किसी भी हिंदू नेता, हिंदू पुजारी या धार्मिक गुरु को बिना किसी कारण के गिरफ्तार करने की मानसिकता से बचने की अपेक्षा करते हैं.


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चिन्मय कृष्ण पर ये है आरोप

बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रवक्ता रह चुके चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार (25 नवंबर) को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देशद्रोह (Sedition) के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. यह आरोप चटगांव में 25 अक्टूबर को हुई एक रैली से जुड़े हैं, जहां कथित तौर पर बांग्लादेशी राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर भगवा झंडा फहराया गया था.

दास और 18 अन्य के खिलाफ देशद्रोह का मामला 30 अक्टूबर को चटगांव में दर्ज किया गया था. इसमें उन पर राष्ट्रीय प्रतीकों को कमतर आंकने और अशांति भड़काने का आरोप लगाया गया था.

गिरफ्तारी के बाद हिंसा

देश में बांग्लादेशी हिंदुओं के सड़कों पर उतरने के बाद दास को मंगलवार (26 नवंबर) को चटगांव की एक अदालत में पेश किया गया और बाद में जेल भेज दिया गया. इसी समय न्यायालय भवन में हिंसा भड़क उठी, जिसके कारण 32 वर्षीय अधिवक्ता सैफुल इस्लाम अलिफ की मौत हो गई. बांग्लादेश में कट्टरपंथी अब दास के समर्थकों को अधिवक्ता की मृत्यु के लिए दोषी ठहरा रहे हैं, जबकि इस्कॉन और अन्य हिंदू संगठनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्यायालय परिसर में उस दिन हुए उपद्रव में कोई हिंदू शामिल नहीं था.

(समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ)

-भारत एक्सप्रेस



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